population control law debate India RSS- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने शनिवार को एक कार्यक्रम में देश की सामाजिक और जनसंख्या से जुड़ी नीतियों पर अत्यंत महत्वपूर्ण बयान दिए। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि घुसपैठ, जबरन धार्मिक धर्मांतरण और एक समुदाय का अत्यधिक जनसांख्यिकीय दबदबा लोकतंत्र के लिए गहरी चिंता का विषय हैं। होसबाले के अनुसार, ये तीनों कारण किसी भी राष्ट्र की सामाजिक संरचना और राजनीतिक स्थिरता को कमजोर करने में प्रमुख भूमिका निभा सकते हैं।http://Oppo Phone under 20k- 38% छूट पर 5000mAh बैटरी और Dimensity 7050 चिपसेट के साथ,
बढ़ती जनसंख्या पर नियंत्रण की आवश्यकता
दत्तात्रेय होसबाले ने जनसंख्या नियंत्रण कानून के पक्ष में जोरदार तर्क दिए। उन्होंने कहा कि भारत तेजी से बढ़ती आबादी वाले देशों में से एक है और यदि इस प्रवृत्ति पर समय रहते रोक नहीं लगाई गई तो देश की संसाधन व्यवस्था पर गंभीर असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि वह इस विषय पर गंभीर विचार करे और सभी धर्मों, वर्गों और समुदायों के बीच समान नीति लागू करे ताकि सामाजिक संतुलन बना रहे। यह वक्तव्य उन्होंने एक राष्ट्रीय बौद्धिक सम्मेलन में दिया, जहाँ समाजशास्त्री, शिक्षाविद और नीति विशेषज्ञ भी मौजूद थे।
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घुसपैठ को बताया लोकतंत्र के लिए खतरा
अपने भाषण में होसबाले ने सीमा सुरक्षा और घुसपैठ के मुद्दे पर विशेष रूप से चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि कुछ सीमावर्ती राज्यों में अवैध प्रवासियों की संख्या चिंताजनक रूप से बढ़ रही है। इसका सीधा असर स्थानीय आबादी, रोजगार और सामाजिक सौहार्द पर पड़ता है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर ऐसे हालात पर सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो यह लोकतंत्र की जड़ों को कमजोर कर सकता है। उन्होंने प्रशासन से आग्रह किया कि घुसपैठ पर अंकुश लगाने के लिए नीतिगत और तकनीकी उपायों को और सशक्त बनाया जाए।



