National News

भारत में खाराप हवा के चलते साल में 20 लाख लोगों की मौत, अकाल मौत का 2 बड़ा कारण.

Air Pollution deaths in India 2025- नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में भारत और चीन दोनों में लगभग 20-20 लाख लोग वायु प्रदूषण के कारण अपनी जान गंवा चुके हैं। यह आंकड़ा विश्वभर में वायु प्रदूषण से होने वाली मौतों का आधे से अधिक हिस्सा है। विश्व स्वास्थ्य संस्थान और हेल्थ इफेक्ट्स इंस्टिट्यूट की संयुक्त रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है कि 7.9 मिलियन मौतें वायु प्रदूषण की वजह से हुईं, जिनमें से लगभग आधी मौतें भारत और चीन में हुई। यह स्थिति दोनों देशों के लिए बेहद गंभीर और चिंताजनक है।​

http://छठ पूजा के महापर्व पर सूर्य को कब दें ‘अर्घ्य’ जानें, संध्या और उषा अर्घ्य तक नियमों का पालन.

एशिया में वायु प्रदूषण का सबसे बड़ा कहर

पूरे एशिया में वायु प्रदूषण से होने वाली मौतों का लगभग 90 प्रतिशत हिस्सा ही इस महाद्वीप में घटी है। इस क्षेत्र की बड़ी आबादी उच्च प्रदूषित वायु में सांस लेने को मजबूर है। दक्षिण एशिया, जिसमें भारत समेत कई देशों का समावेश है, वहां पर करीब 2.7 मिलियन मौतें वायु प्रदूषण से जुड़ी हुई हैं। इसके अलावा दक्षिण पूर्व एशिया और मध्य एशिया के कई देशों में भी वायु प्रदूषण स्वास्थ्य संकट का मुख्य कारण बना हुआ है।​

http://सुशांत सिंह राजपूत केस में रिया की बढ़ी मुश्किलें, परिवार ने CBI रिपोर्ट को चुनौती दी।

भारत में वायु प्रदूषण से बढ़ती मृत्यु दर

भारत में वायु प्रदूषण से होने वाली मौतों की संख्या 2000 में 1.4 मिलियन थी, जो 2023 तक बढ़कर लगभग दो मिलियन हो गई है। यह 43 प्रतिशत की भारी वृद्धि दर्शाती है। राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, बिहार और पश्चिम बंगाल में 1,00,000 से अधिक मौतें वायु प्रदूषण से हुईं। रिपोर्ट में बताया गया है कि करीब 89 प्रतिशत मौतें गैर-संचारी बीमारियों (NCDs) जैसे हृदय रोग, फेफड़ों के कैंसर, मधुमेह और डिमेंशिया से जुड़ी थीं। वायु प्रदूषण ने भारत में इन बीमारियों के बढ़ते बोझ को गंभीर बना दिया है।​

वायु प्रदूषण से प्रभावित प्रमुख बीमारियाँ

रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया गया है कि वायु प्रदूषण न केवल सांस संबंधी बीमारियों को बढ़ाता है बल्कि हृदय रोग, डिमेंशिया और मधुमेह जैसी गैर-संचारी बीमारियों का भी मुख्य कारण बन रहा है। भारत में लगभग आधी क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) से होने वाली मौतें वायु प्रदूषण की वजह से होती हैं। इसके अलावा फेफड़ों के कैंसर के 1 में से 3, हृदय रोग से 4 में से 1 और मधुमेह से 5 में से 1 मौतें प्रदूषित हवा के कारण होती हैं। इस प्रकार वायु प्रदूषण का प्रभाव व्यापक और जानलेवा है।

Tiwari Shivam

शिवम तिवारी को ब्लॉगिंग का चार वर्ष का अनुभव है कंटेंट राइटिंग के क्षेत्र में उन्होंने एक व्यापक समझ विकसित की है वे बहुराष्ट्रीय कम्पनियों व दुनिया के नामी स्टार्टप्स के लिये भी काम करते हैं वह गैजेट्स ,ऑटोमोबाइल, टेक्नोलॉजी, स्पेस रिसर्च ,इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी ,कॉर्पोरेट सेक्टर तथा अन्य विषयों के लेखन में व्यापक योग्यता और अनुभव रखते हैं|

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Index