गुजरात के जूनागढ़ में गिरनार पर्वत पर स्थित ऐतिहासिक श्री गुरु गोरक्षनाथ मंदिर में हाल ही में हुई मूर्ति तोड़फोड़ की घटना पर पुलिस की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। क्राइम ब्रांच पुलिस ने मूर्ति को नुकसान पहुँचाने और उसे जंगल में फेंकने के आरोप में दो लोगों को हिरासत में ले लिया है, जिनमें से एक मंदिर का कर्मचारी है.
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मंदिर की प्रसिद्धि और दान बढ़ाने की साजिश
पुलिस जांच के मुताबिक, मंदिर कर्मचारी दीक्षित कुकरेजा और स्थानीय पूर्व कर्मचारी रमेश भट्ट ने मंदिर की प्रसिद्धि और दानधर्म बढ़ाने के उद्देश्य से इस घटना को अंजाम दिया। दोनों ने पहले घटना को बाहरी हमले की तरह दिखाने की योजना बनाई थी ताकि मंदिर चर्चा में आए तथा श्रद्धालुओं की संख्या और चढ़ावे में इजाफा हो सके. क्राइम ब्रांच ने सैकड़ों सीसीटीवी फुटेज देखते हुए, 200 से अधिक स्थानीय लोगों से पूछताछ कर इन दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया।
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तोड़फोड़ की योजना और घटना का विवरण
यह घटना 4 अक्टूबर की रात को घटित हुई जब मंदिर के पुजारी योगी सोमनाथ जी अपने कमरे में सो रहे थे। आरोपियों ने पुजारी का कमरा बाहर से बंद किया ताकि कोई उन्हें रोक न सके। इसके बाद, दोनों ने मिलकर मंदिर के भीतर रखी गुरु गोरक्षनाथ जी की मूर्ति और उसके चारों ओर लगे कांच के संरचना को तोड़ दिया। घटना के अगले दिन पुजारी ने मंदिर के भीतर तोड़फोड़ और मूर्ति गायब होने की सूचना पुलिस को दी। उसी दौरान कुकरेजा ने हरकतें छुपाने के लिए चार अज्ञात लोगों की घटना का बहाना बनाया.



