53rd Chief Justice of India- सुप्रीम कोर्ट में प्रशासनिक और न्यायिक नेतृत्व का नया अध्याय जल्द ही शुरू होने वाला है। वर्तमान मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ के कार्यकाल के अंत के बाद, न्यायमूर्ति संजय कांत को भारत का 53वां मुख्य न्यायाधीश (CJI) बनाने की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है। सोमवार को मुख्य न्यायाधीश बी. आर. गवई ने केंद्र सरकार को औपचारिक रूप से जस्टिस कांत के नाम की सिफारिश भेज दी। परंपरा के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश को ही अगले सीजेआई के रूप में नियुक्त किया जाता है। वरिष्ठता क्रम में जस्टिस कांत इस समय सर्वोच्च स्थान पर हैं, जिसके चलते उनका चयन लगभग तय माना जा रहा है।
केंद्र सरकार जल्द जारी करेगी अधिसूचना
कानूनी सूत्रों के अनुसार, केंद्र सरकार इस सिफारिश को लेकर बहुत जल्द अधिसूचना जारी कर सकती है। कानून मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों ने संकेत दिया है कि राष्ट्रपति से मंजूरी मिलते ही नियुक्ति की अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। संविधान के अनुच्छेद 124(2) के तहत भारत के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। इसके लिए वर्तमान सीजेआई द्वारा की गई सिफारिश को औपचारिक मंजूरी देना आवश्यक होता है। माना जा रहा है कि यह प्रक्रिया नवंबर के पहले सप्ताह तक पूरी हो जाएगी।
न्यायमूर्ति संजय कांत का अबo तक का न्यायिक सफर
जस्टिस कांत का न्यायिक करियर उल्लेखनीय रहा है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक वकील के रूप में की थी और दिल्ली उच्च न्यायालय में कई संवैधानिक मामलों पर महत्वपूर्ण बहसें कीं। बाद में उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदभार संभाला और वहाँ अपने निर्णयों के संतुलित दृष्टिकोण तथा संवैधानिक मूल्यों के सम्मान के लिए सराहे गए। सुप्रीम कोर्ट में उनके फैसले विशेष रूप से संविधान, मानवाधिकार और प्रशासनिक विधि के क्षेत्र में गहरा प्रभाव छोड़ चुके हैं। उनके नेतृत्व में कई ऐतिहासिक निर्णय दिए गए जो न्यायिक प्रणाली की पारदर्शिता और जवाबदेही को मजबूत करते हैं।
