now agniveer retention limit will increase to 75 percent in army- अग्निपथ योजना के तहत सेना में भर्ती को लेकर लंबे समय से सवाल उठते रहे हैं। इस योजना के अंतर्गत अब तक सिर्फ 25 प्रतिशत अग्निवीरों को ही चार साल की सेवा के बाद स्थायी नियुक्ति मिलने का प्रावधान है, जबकि बाकी 75 प्रतिशत युवाओं को सेवा समाप्ति के बाद बाहर होना पड़ता है। हालांकि, अब सेना इस व्यवस्था में बड़ा बदलाव करने की तैयारी में है, जिससे हजारों युवाओं के लिए नई उम्मीदें जगी हैं
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चार साल की सेवा
अग्निपथ भर्ती योजना 2022 में शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य देश के युवाओं को चार साल की अल्पावधि सेवा का अवसर देना था। इस स्कीम के तहत हर साल करीब 46,000 युवाओं की भर्ती की जाती है, जिन्हें छह महीने के प्रशिक्षण के बाद सेना, वायुसेना और नौसेना में तैनात किया जाता है. चार साल की सेवा पूरी करने के बाद केवल 25 प्रतिशत अग्निवीरों को उनके प्रदर्शन और योग्यता के आधार पर स्थायी रूप से सेना में बने रहने का अवसर मिलता है। बाकी सैनिकों को ‘सेवा निधि’ के रूप में लगभग 11.7 लाख रुपये की राशि देकर विदा किया जाता था
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बढ़ सकती है अग्निवीरों की दर
सेना सूत्रों के अनुसार, जैसलमेर में होने वाले आगामी आर्मी कमांडर्स सम्मेलन में यह प्रस्ताव चर्चा में रखा जाएगा कि 25 प्रतिशत की जगह 75 प्रतिशत तक अग्निवीरों को स्थायी रूप से रखा जाए. यह फैसला सेना के पहले अग्निवीर बैच के सेवा पूर्ण होने से पहले लिया जाएगा। वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों का कहना है कि चार साल की सेवा अवधि में प्रशिक्षित सैनिकों को फिर से बाहर करना न केवल सेना की मानव संसाधन क्षमता को कमजोर करता है बल्कि लंबे समय में प्रशिक्षण पर किया गया निवेश भी व्यर्थ जाता है।