मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में बीते महीने कफ सिरप ‘कोल्डरिफ‘ पीने से 14 बच्चों की मौत के बाद पूरे राज्य में हड़कंप मचा हुआ है। इन मौतों की वजह से दवा सुरक्षा व्यवस्था पर गहन सवाल उठने लगे हैं। बताया जा रहा है कि अधिकतर मृतक बच्चे पांच साल से कम उम्र के थे।
Coldrif toxic cough syrup kidney failure incident-लक्षण और पहला संकेत
मृतकों के परिजनों के अनुसार, बच्चों में शुरू में सर्दी-खांसी और हल्का बुखार था। डॉक्टर द्वारा ‘कोल्डरिफ’ सिरप लिखने के बाद बच्चों को कुछ दिन तो राहत महसूस हुई, लेकिन फिर अचानक उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। अधिकांश बच्चों में यूरिन बनना कम हो गया और बाद में उनकी किडनी पूरी तरह फेल हो गई।
MP cough syrup deaths children case 2025-जांच में चौंकाने वाला खुलासा
जिले के प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने शुरुआती जांच में पानी, मच्छर-बाधित बुखार, या कोई इंफेक्शन जैसी बाहरी वजहें तलाशने की कोशिश की, लेकिन जब सभी टेस्ट नेगेटिव आए तो शक सीधे दवाओं की ओर गया। सिरप के सैंपल की लेबोरेटरी परीक्षण में सामने आया कि उसमें 48.6 फीसदी डाइएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) नामक जहरीला केमिकल मौजूद था, जो किडनी की कोशिकाएं तेजी से नष्ट कर देता है।
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सरकार का कड़ा एक्शन
इस खुलासे के बाद मध्यप्रदेश सरकार ने तुरंत ‘कोल्डरिफ’ सिरप और इसको बनाने वाली तमिलनाडु की कंपनी स्रेसन फार्मास्युटिकल्स की सभी दवाइयों की बिक्री पर रोक लगा दी। कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। साथ ही, सिरप लिखने वाले जिला चिकित्सक डॉ. प्रवीन सोनी को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन पर भारतीय दंड संहिता और ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट की गंभीर धाराओं में मुकदमा चलाया जा रहा है।