कौन थे नरेंद मोदी के गुरु, जिन्होंने बदला जीवन और राजनीती में किया शामिल.

Narendra Modi political guru Vakil Saheb–प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राजनीतिक जीवन में 1975 का आपातकाल एक निर्णायक मोड़ साबित हुआ। उस समय वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के युवा प्रचारक थे, जिन्होंने संगठन को जीवित रखने के लिए अद्वितीय साहस और रणनीति दिखाई। आपातकाल के दौरान जब संघ पर प्रतिबंध लगा, तो मोदी और उनके मार्गदर्शक ‘वकील साहेब’ सहित कई प्रमुख कार्यकर्ता भूमिगत हो गए और देशभर में लोकतंत्र की अलख जगाई।

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वकील साहेब: मोदी के मार्गदर्शक और प्रेरणा स्रोत

नरेंद्र मोदी के संगठनकर्ता और प्रचारक रूप गढ़ने में ‘वकील साहेब’ का अहम योगदान रहा। ‘वकील साहेब’ RSS में लक्ष्मणराव इनामदार के नाम से प्रसिद्ध थे। वे मोदी के गुरुओं में सबसे महत्वपूर्ण माने जाते हैं। संगठन की बारीकियां, रणनीतियां और सामाजिक काम का मूल मंत्र मोदी ने इन्हीं से सीखा। इनामदार ने मोदी को संघ के लिए समर्पित कार्यकर्ता के रूप में ढालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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भेष बदलकर संगठन को जीवित रखने की रणनीति

आपातकाल के समय मोदी ने बदलाव के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम किया। गिरफ्तारी से बचने के लिए उन्होंने ‘सरदारजी’, ‘बटुक भाई’ और ‘स्वामी जी’ जैसे कई भेष बदले। अद्वितीय छद्म पहचान के साथ, वे देश के विभिन्न हिस्सों में जाकर संघ कार्यकर्ताओं को जोड़ते रहे। विशेषत: गुजरात में भूमिगत रहकर उन्होंने गुप्त मीटिंग, साहित्य वितरण और संविधान के अधिकारों का प्रसार किया।

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