हाल ही में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने चीन से आने वाले सामानों पर मौजूदा 30% के शुल्क के ऊपर अतिरिक्त 100% शुल्क लगाने की घोषणा की है। यह नया कदम चीन द्वारा दुर्लभ पृथ्वी तत्वों पर लगाई गई निर्यात प्रतिबंधों के जवाब में उठाया गया है। इससे चीन से अमेरिका आने वाले कुल शुल्क लगभग 130% हो जाएंगे, जो दोनों देशों के बीच व्यापार को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकते हैं। यह नई नीति 1 नवंबर 2025 से प्रभावी होगी या इससे पहले भी लागू हो सकती है।http://धमाकेदार ऑफर के साथ 1.26 लाख सस्ती हुई ये ब्रिक्सटन बाइक, जानें फीचर्स.
चीन की बढ़ती निर्यात नियंत्रण नीति
चीन ने हाल ही में अपने विरले पृथ्वी खनिजों के निर्यात पर सख्त नियंत्रण लगाए हैं, जिनका वैश्विक तकनीकी और रक्षा उद्योग में अत्यंत महत्व है। इन खनिजों का उपयोग सेमीकंडक्टर, इलेक्ट्रॉनिक वाहनों, स्मार्टफोन और सैन्य उपकरणों के निर्माण में किया जाता है। चीन ने कुल 17 पृथ्वी तत्वों में से 12 पर अपने नियंत्रण विस्तार दिए हैं, जिससे वैश्विक उद्योगों को बड़ा झटका लगा है। बीजिंग का तर्क है कि यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा और संवेदनशील क्षेत्रों की रक्षा के लिए जरूरी है।
व्यापार पर असर और वैश्विक बाजार की प्रतिक्रिया
अमेरिकी बाजारों में इस घोषणा के बाद बड़ी गिरावट आई है। नैस्डैक 3.6% तक नीचे आ गया है जबकि एस एंड पी 500 में 2.7% की गिरावट दर्ज की गई। निवेशकों को डर है कि इस वृद्धि से वैश्विक अर्थव्यवस्था पर मंदी का जोखिम बढ़ जाएगा। नई अमेरिकी नीतियों के कारण इलेक्ट्रिक वाहन, पवन टर्बाइन और सेमीकंडक्टर के मूल्य बढ़ने की संभावना जताई जा रही है, जो उपभोक्ताओं और उद्योगों दोनों के लिए महंगे साबित हो सकते हैं।
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राजनीतिक और द्विपक्षीय संबधों में तनाव
ट्रम्प प्रशासन ने कहा है कि यह कदम चीन की “अत्यंत आक्रामक” व्यापार नीति के रूप में देखा जाना चाहिए। उन्होंने 31 अक्टूबर को दक्षिण कोरिया में होने वाले एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (APEC) सम्मेलन में होने वाली चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात को भी संदिग्ध कर दिया है। वर्तमान में चीन और अमेरिका के बीच व्यापार युद्ध की स्थिति फिर से तेज हो गई है, जो पिछले कुछ महीनों में थोड़ी शांति के बाद सबसे बड़ा तनाव माना जा रहा है।