Best time for Diwali 2025 Lakshmi Puja- पंचांग और ज्योतिष के अनुसार, इस बार दिवाली का पर्व 20 अक्टूबर 2025 सोमवार को मनाया जाएगा। दिवाली हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर होती है, जो इस वर्ष 20 अक्टूबर की दोपहर 3 बजकर 44 मिनट से शुरू होकर 21 अक्टूबर की शाम 5 बजकर 54 मिनट तक रहेगी। कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि इसी दिन अपराह्न में समाप्त होकर अमावस्या तिथि आरंभ हो जाएगी। ज्योतिषियों और पंडितों के अनुसार, प्रदोष काल और निशीथ काल जैसे शुभ योग 20 अक्टूबर को इस पर्व की महत्ता को बढ़ाते हैं इसलिए दिवाली इसी दिन मनाना उचित होगा।
http://अयोध्या में धनतेरस से होगी महालक्ष्मी की पूजा, इस दिन होगा राम मंदिर में दीपोत्सव.
प्रदोष काल और शुभ मुहूर्त
दिवाली के दिन लक्ष्मी और गणेश की पूजा के लिए शाम 7 बजकर 8 मिनट से 8 बजकर 18 मिनट तक शुभ मुहूर्त रहेगा। इसके अलावा, प्रदोष काल, जो शाम 5 बजकर 46 मिनट से रात 8 बजकर 18 मिनट तक रहेगा, भी विशेष लाभकारी माना जाता है। इस शुभ काल में पूजा करने से मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसके अलावा वृषभ लग्न और महानिशीथ काल भी इसी दिन बन रहे हैं जो दिवाली पर पूजा-अर्चना के लिए अत्यंत शुभ माने जाते हैं।
http://Best Poco gaming phone- 17% डिस्काउंट पर Poco फ़ोन, गेमिंग के लिए परफेक्ट.
Best time for Diwali 2025 Lakshmi Puja- अमावस्या तिथि का महत्व
अमावस्या तिथि का संध्या काल पूजा के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण होती है। इस वर्ष अमावस्या तिथि दो दिन तक यानी 20 और 21 अक्टूबर को बनी रहेगी, लेकिन पूजा का मुख्य समय 20 अक्टूबर, प्रदोष काल और रात के निशीथ काल को माना जाता है। अमावस्या तिथि के प्रातःकालीन स्नान और दान 21 अक्टूबर को किए जाएंगे क्योंकि सुबह की तिथि वहां उपलब्ध होगी। हालांकि संध्या कालीन पूजा और यम दीपक 20 अक्टूबर की शाम को ही प्रचलित हैं।
दिवाली पूजा विधि और सजावट
दिवाली पर घरों की सफाई के बाद सबसे पहले मुख्य मंदिर या पूजा स्थल में बड़ा दीपक लगाया जाता है। लक्ष्मी गणेश जी के सामने दूसरा दीपक स्थापित किया जाता है। तुलसी के पौधे के पास और घर के मुख्य द्वार पर भी दीपक जलाए जाते हैं। इस दिन घर को रंग-बिरंगी लाइट्स और फूलों से सजाया जाता है। लोग दहन सामग्री, मिठाई और पूजा सामग्रियों की खरीदारी करते हैं ताकि पूरे विधि-विधान से पूजा की जा सके।