National News

नेपाल में भ्रष्टाचार विरोधी प्रदर्शनों का कहर, मृतकों की संख्या पहुँची 72

नेपाल में भ्रष्टाचार के खिलाफ उठी आवाज़ अब गहरी त्रासदी में बदल गई है। नेपाल के स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को बताया कि बीते सप्ताह हिंसक हुए प्रदर्शनों में मरने वालों की संख्या बढ़कर 72 तक पहुँच गई है। यह केवल आँकड़ा नहीं बल्कि नाराज जनता के धैर्य का टूटना है जिसका असर अब पूरे देश में देखा जा रहा है।

मौत का बढ़ता सिलसिला

मंत्रालय के अनुसार, प्रदर्शनों में घायल हुए कई लोग अभी भी अस्पतालों में भर्ती हैं जिनमें से कुछ की हालत गंभीर बनी हुई है। डॉक्टरों का कहना है कि लगातार मरीजों की गंभीर स्थिति सामने आने से मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है। अस्पतालों में रोज़ाना परिजन अपनों की सुध लेने पहुँच रहे हैं और चारों ओर मातम छाया हुआ है।

बिना एडिटिंग दीजिए तस्वीरों को युनीक लुक 

राजधानी काठमांडू से फैलता आक्रोश

इन प्रदर्शनों का केंद्र राजधानी काठमांडू रहा लेकिन इसके असर से दूसरे बड़े शहर भी नहीं बच पाए। पोखरा, भरतपुर समेत कई इलाकों में हजारों लोग सड़कों पर उतर आए। सरकारी दफ्तरों और सार्वजनिक स्थानों पर नारों की गूंज सुनाई दी। हालात उस समय बिगड़े जब कुछ जगहों पर लोगों ने तोड़फोड़ और आगजनी शुरू कर दी जिससे आमजन में दहशत का माहौल बन गया।

7000mAh बैटरी वाला Oppo फ़ोन , जल्द होगा लांच!

पुलिस की सख्त तैनाती

बेकाबू भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस और अर्धसैनिक बलों को तैनात करना पड़ा। कई जगहों पर आँसू गैस और लाठीचार्ज का सहारा लिया गया जिससे प्रदर्शनों ने और हिंसक रूप धारण कर लिया। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि पुलिस ने बिना वजह बल का प्रयोग किया, वहीं प्रशासन का कहना है कि कानून-व्यवस्था बनाए रखना उनकी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है।

गुस्से के पीछे की कहानी

नेपाल की जनता लंबे समय से भ्रष्टाचार को लेकर नाराज है। बेरोजगारी, महँगाई और राजनीतिक अस्थिरता ने लोगों का विश्वास हिला दिया है। जनता को लगता है कि शासन में बैठे लोग उनके मुद्दों को गंभीरता से नहीं ले रहे और यही वजह है कि गुस्सा सड़कों पर उतर आया। लोग चाहते हैं कि सरकार पारदर्शिता और जवाबदेही से काम करे।

स्वास्थ्य मंत्रालय की अपील

स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि अब तक 72 लोगों की मौत हो चुकी है और घायलों की संख्या सैकड़ों में है। अस्पतालों में डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ लगातार काम कर रहे हैं और स्थिति बेहद चुनौतीपूर्ण है। मंत्रालय ने आम नागरिकों से अपील की है कि घायल व्यक्तियों को समय से अस्पताल पहुँचाया जाए और हिंसा से दूर रहकर शांति बनाए रखने में सहयोग करें।

शॉपिंग मॉल और प्रतिष्ठान बने निशाना

प्रदर्शनकारियों के गुस्से की तीव्रता इतनी थी कि घेराबंदी और नारेबाजी से आगे बढ़कर उन्होंने शॉपिंग मॉल और निजी दुकानों पर हमला कर दिया। कई इमारतें नुकसान की शिकार हुईं, सैकड़ों वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। प्रशासन का कहना है कि इस नुकसान की भरपाई आसान नहीं होगी और देश की अर्थव्यवस्था पर इसका गहरा दबाव पड़ेगा।

अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंता

नेपाल में हुई इन घटनाओं पर दुनिया की नजर है। अलग-अलग लोकतांत्रिक संगठनों और पड़ोसी देशों ने चिंता जताई है और नेपाल सरकार से अपील की है कि वह जनता से संवाद करे और उनके सवालों का गंभीर समाधान निकाले। राजनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि हालात पर काबू नहीं पाया गया तो नेपाल को लंबे समय तक अस्थिरता का सामना करना पड़ सकता है।

Tiwari Shivam

शिवम तिवारी को ब्लॉगिंग का चार वर्ष का अनुभव है कंटेंट राइटिंग के क्षेत्र में उन्होंने एक व्यापक समझ विकसित की है वे बहुराष्ट्रीय कम्पनियों व दुनिया के नामी स्टार्टप्स के लिये भी काम करते हैं वह गैजेट्स ,ऑटोमोबाइल, टेक्नोलॉजी, स्पेस रिसर्च ,इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी ,कॉर्पोरेट सेक्टर तथा अन्य विषयों के लेखन में व्यापक योग्यता और अनुभव रखते हैं|

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Index