US military presence in Bangladesh– हाल ही में बांग्लादेश के चटगांव में अमेरिकी सेना के करीब 120 जवान नजर आए हैं। यह स्थिति क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर बढ़ते सैन्य और राजनीतिक तनाव को दर्शाती है। अमेरिकी और बांग्लादेशी सेनाओं ने संयुक्त मिलिट्री अभ्यास किए हैं, जिनका मकसद आतंकवाद विरोधी और रणनीतिक क्षमताओं को मजबूत करना बताया गया है। यह कदम खासकर चीन की बढ़ती प्रभाव क्षमता के मद्देनजर उठाया जा रहा है।
म्यांमार में भारत की तीनों सेनाओं की सक्रिय भूमिका
भारतीय थल, वायु और नौसेना की लगभग 120 जवान म्यांमार की राजधानी नेपीदाव तक पहुंच चुके हैं। यह सैन्य टीम विशेष मानवीय सहायता मिशन में लगी है, जिसे ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ नाम दिया गया है। मार्च 2025 में म्यांमार में आए विनाशकारी भूकंप के बाद भारत ने राहत एवं बचाव कार्यों के लिए यह त्वरित कदम उठाया। भारतीय सेना का यह मिशन मेडिकल सहायता, सर्च एंड रिस्क्यू और आपदा प्रबंधन को बढ़ावा देने वाला है।
क्षेत्रीय महाशक्तियों के बीच रणनीतिक मामला
बांग्लादेश और म्यांमार में बढ़ रहे सैन्य गतिशीलता से यह साफ संकेत मिलते हैं कि दक्षिण एशिया व आसपास के क्षेत्र में शक्तियों की राजनीतिक और सैन्य होड़ तेज हो रही है। भारत, चीन और अमेरिका तीनों ही इस क्षेत्र की सामरिक स्थिति को अपने प्रभाव क्षेत्र में लाने का प्रयास कर रहे हैं। विशेष रूप से चीन का ‘स्ट्रिंग ऑफ पर्ल्स’ स्ट्रेटेजी के तहत बंगाल की खाड़ी में अपनी पकड़ मजबूत करने का प्रयास जारी है।