राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने अमेरिका में रहने वाले खालिस्तानी संगठन ‘सिख्स फॉर जस्टिस’ के प्रमुख गुरपत्वंत सिंह पन्नू के खिलाफ नया मामला दर्ज किया है। यह मामला इस आधार पर दर्ज किया गया है कि पन्नू ने इस साल स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राष्ट्रीय ध्वज फहराने से रोकने के लिए इनाम के रूप में 11 करोड़ रु. की पेशकश की थी। यह धमकी पन्नू ने पाकिस्तान के लाहौर प्रेस क्लब में ‘मीट द प्रेस’ कार्यक्रम के दौरान वाशिंगटन से वीडियो लिंक के ज़रिए दी थी.
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पन्नू का खालिस्तान नक्सा पेश
मुकदमे में उल्लेख है कि गुरपत्वंत सिंह पन्नू ने वीडियो संबोधन में खालिस्तान का नया नक्शा भी पेश किया था, जिसमें पंजाब के अलावा दिल्ली, हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश को शामिल किया गया है। इस संगठन ने ‘शहीद जत्था’ भी बनाया है, जो भारत के खिलाफ लड़ाई लड़ने का दावा करता है। NIA ने कहा है कि यह गतिविधियां भारत की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और सुरक्षा के लिए खतरा हैं और सिख समुदाय में देश के खिलाफ गलत भावना फैलाने का प्रयास हैं.
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FIR में गंभीर आरोप
FIR में गुरपत्वंत सिंह पन्नू पर भारतीय राष्ट्रीय संप्रभुता को चुनौती देने, देश की सुरक्षा में बाधा डालने और सिख समुदाय में भारत विरोधी भावना फैलाने के आरोप लगाए गए हैं। यह मामला भारतीय न्याय विधान के तहत दर्ज किया गया है और इसमें भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने सीधे NIA को जांच का निर्देश दिया है। यह मामला उनके खिलाफ चल रहे पहले मामलों में से एक नया FIR है.
अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय सुरक्षा पर प्रभाव
यह मामला न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। अमेरिका में बसने वाला यह आतंकवादी संगठन भारत की संप्रभुता को चुनौती देने वाले कार्यों में लिप्त है। गृह मंत्रालय के निर्देश में कहा गया है कि इस मामले की जांच से एक बड़ी साजिश का पर्दाफाश हो सकता है, जिसके राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय आयाम हैं। यह कानूनी कार्रवाई देश की एकता और अखंडता की सुरक्षा की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है.