एशिया कप 2025 में भारत और पाकिस्तान के बहुप्रतीक्षित क्रिकेट मुकाबले से पहले सियासी माहौल गरमा गया है। मुंबई से दिल्ली तक शिवसेना (यूबीटी) और अन्य विपक्षी दल लगातार इस मैच के आयोजन का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने तर्क दिया है कि हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले में कई भारतीयों की जान गई, ऐसे में पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलना नैतिक रूप से गलत है।
विरोध का कारण: आतंकी घटनाओं की छाया
शिवसेना (यूबीटी) का कहना है कि जिन परिवारों ने अपने प्रियजनों को आतंकी हमलों में खोया है, उनके जख्म अभी ताजा हैं। जनता और शहीदों के परिवारों की संवेदना के साथ यह मैच ‘राष्ट्रविरोधी’ और ‘असंवेदनशील’ है। पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि पीएम मोदी ने स्वयं कहा था ‘खून और पानी साथ नहीं बह सकते’, फिर ‘खून और क्रिकेट’ कैसे साथ चल सकते हैं?
ओड़ीशा में सिविल सर्विस के टॉपर तहसीलदार रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार
तर्क और जवाब: बीजेपी का पक्ष
भाजपा नेताओं और बीसीसीआई अधिकारियों ने कहा है कि भारत द्विपक्षीय सीरीज में पाकिस्तान के साथ क्रिकेट नहीं खेलता, परंतु अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट जैसे एशिया कप में हिस्सा लेना देश की मजबूरी है। भाजपा मंत्री और क्रिकेट प्रशासक आशीष शेलार ने कहा कि भारतीय क्रिकेट टीम के पास टूर्नामेंट से हटने का विकल्प नहीं है, क्योंकि ऐसा करने से अंक प्रतिद्वंद्वी को मिल जाएंगे और भारत की हिस्सेदारी खतरे में पड़ जाएगी।
दोहरे रवैये के आरोप और ऐतिहासिक उदाहरण
शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस ने इस पूरे मामले में सरकार और बीसीसीआई पर दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगाया है। विपक्ष का कहना है कि सरकार जबरन राष्ट्रवाद से जुड़े भावनात्मक मुद्दे उठाती है, परंतु आर्थिक और क्रिकेटिंग फायदे के लिए पाकिस्तान से खेलना मंजूर करती है। पार्टी ने याद दिलाया कि कांग्रेस राज में भी ऐसे तनावपूर्ण हालातों में मैच हुए थे।
सड़क से सोशल मीडिया तक विरोध
शिवसेना (यूबीटी) की महिला कार्यकर्ताओं ने महाराष्ट्र में प्रदर्शन की घोषणा की है। सोशल मीडिया पर भी #BoycottIndVsPak ट्रेंड करता रहा, आम नागरिकों, खोए हुए सैनिकों के परिजन और राजनीतिक दलों ने एक सुर में विरोध जताया। सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि पाकिस्तानी खिलाड़ी लगातार भारत और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का अपमान करते हैं, ऐसे में खेल को सीमित रहना चाहिए।
TVS ने लॉन्च किया नया जुपिटर स्टारडस्ट ब्लैक एडिशन स्कूटर.
भारत-पाक क्रिकेट और राष्ट्र भावना
भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच हमेशा से ही देश में खास भावनाएं जगाता है। लोग चाहते हैं कि जीत भारतीय टीम की हो, लेकिन मौजूदा हालात ने यह मुकाबला सिर्फ खेल नहीं, बल्कि एक नैतिक सवाल बना दिया है। क्या ऐसे वक्त में सिर्फ खेल की भावना बड़ी है या देशहित पहले है यह चर्चा का विषय बना हुआ है।
अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में खेल और राजनीति
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत जैसी बड़ी अर्थव्यवस्था और क्रिकेट सुपरपावर अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपने विरोध को दर्ज कर सकती है, लेकिन वैश्विक टूर्नामेंट के नियम और अंतरराष्ट्रीय दबाव भी अपनी जगह हैं। क्रिकेट की आड़ में कोई राजनैतिक संदेश देना आसान नहीं, लेकिन विरोध की आवाजें लगातार गूंज रही हैं।
2 Comments