लखनऊ के सआदतगंज थाना इलाके में एक बार फिर प्रेम प्रसंग ने खौफनाक मोड़ लिया है। 26 वर्षीय अली अब्बास की हत्या कर दी गई है, जिसकी वजह उसका मोहल्ले में रहने वाली एक हिंदू युवती से चार साल पुराना प्रेम संबंध था। यह मामला न सिर्फ कानून व्यवस्था के लिए चुनौती है बल्कि समाज में बढ़ते धार्मिक कट्टरपन का भी सबूत है।
मासूम प्रेम कहानी का दर्दनाक अंत
अली अब्बास लकड़मंडी में रहता था और प्राइवेट नौकरी करता था। उसका हिंदू युवती से चार साल से प्रेम संबंध चल रहा था। दोनों शादी करना चाहते थे लेकिन युवती के परिवार वाले इस रिश्ते के सख्त खिलाफ थे। धार्मिक भिन्नता की वजह से यह प्रेम कहानी परिवार की नजरों में पाप बन गई थी।
धोखे से बुलाकर की गई निर्मम हत्या
सोमवार की रात साजिश के तहत युवती के परिवार वालों ने अली को घर बुलाया। युवती ने खुद फोन कर कहा था कि घर वाले शादी की बात करना चाहते हैं। अली खुशी-खुशी इस उम्मीद में पहुंचा कि अब उसकी मुश्किलें खत्म हो जाएंगी। लेकिन यह उसकी आखिरी गलती साबित हुई।
Nothing Phone 3a और Motorola Edge 60 Fusion में कौन है आपके लिए बेस्ट.
तीनों भाइयों ने मिलकर पीटा
जैसे ही अली हातानूर बेग के घर पहुंचा, युवती के पिता हिमालय प्रजापति और उसके दो बेटे सोनू व सौरभ ने उस पर हमला बोल दिया। लाठी-डंडों से जमकर पिटाई की गई। सिर पर इतने प्रहार किए गए कि अली खून से लथपथ हो गया। फिर उसे घर से बाहर गलियारे में फेंक दिया गया।
नवरात्रि के तीसरे दिन पूजा करें मां चंद्रघंटा की, जाने मंत्र और आरती.
अस्पताल में तड़पते रहे और चल बसे
घायल अली को उसके परिजनों ने तुरंत ट्रामा सेंटर पहुंचाया। डॉक्टरों ने पूरी कोशिश की लेकिन वह इतनी बुरी तरह घायल था कि बचाया नहीं जा सका। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। एक ऐसे युवक की जिंदगी खत्म हो गई जो सिर्फ प्यार करने का गुनहगार था।
पुलिस ने दो आरोपियों को किया गिरफ्तार
मामले की गंभीरता देखते हुए पुलिस ने तत्काल कार्रवाई की। अली के पिता आरिफ जमीर की तहरीर पर हत्या का केस दर्ज किया गया। हिमालय प्रजापति और सौरभ प्रजापति को गिरफ्तार कर लिया गया है। सोनू कोरी अभी भी फरार है जिसकी तलाश में पुलिस की टीमें लगी हुई हैं।
पुलिस के मुताबिक यह रंजिशन हत्या है
डीसीपी पश्चिमी विश्वजीत श्रीवास्तव के अनुसार यह एक सुनियोजित हत्या थी। अली के प्रेम प्रसंग की वजह से परिवार में रंजिश पैदा हो गई थी। आरोपियों ने पहले से योजना बनाकर उसे शादी के बहाने घर बुलाया और फिर मार डाला। यह मामला साफ तौर पर ऑनर किलिंग की श्रेणी में आता है।
इलाके में फैली दहशत और तनाव
घटना के बाद पूरे लकड़मंडी इलाके में हड़कंप मच गया है। स्थानीय लोग इस वारदात से सदमे में हैं। धार्मिक संगठनों की तरफ से भी प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई हैं। पुलिस ने अतिरिक्त फोर्स तैनात कर दिया है ताकि कानून व्यवस्था बिगड़ने न पाए।
अली के अपराधिक रिकॉर्ड का भी खुलासा
जांच में पता चला है कि मृतक अली अब्बास पर सआदतगंज थाने में मारपीट के दो मामले दर्ज थे। उसका भाई अस्तर अब्बास हिस्ट्रीशीटर है और जेल में बंद है। उस पर कई थानों में एक दर्जन से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं। हालांकि यह बात अली की हत्या को सही नहीं ठहराती।
समाज में बढ़ते ऑनर किलिंग के मामले
यह घटना उत्तर प्रदेश में बढ़ते ऑनर किलिंग के मामलों की एक और कड़ी है। हाल के महीनों में हरदोई, बागपत, फिरोजाबाद और अन्य जिलों से भी इसी तरह के मामले सामने आए हैं। प्रेम विवाह या अंतरजातीय संबंधों के नाम पर परिवार वाले खुद ही अपने बच्चों की हत्या कर रहे हैं।
कानूनी कार्रवाई की संभावनाएं
हालांकि भारत में ऑनर किलिंग के लिए अलग से कोई कानूनी धारा नहीं है, लेकिन इसे आईपीसी की धारा 302 के तहत हत्या माना जाता है। सुप्रीम कोर्ट ने कई बार स्पष्ट किया है कि ऑनर किलिंग एक शर्मनाक अपराध है। हाल ही में सहारनपुर के एक मामले में भी कोर्ट ने इसे गैर इरादतन हत्या नहीं बल्कि पूर्ण हत्या माना है।
प्रेम का अधिकार और सामाजिक सोच
यह घटना एक बार फिर यह सवाल खड़ा करती है कि क्या व्यक्तिगत प्रेम और विवाह के फैसले परिवार या समाज के हाथों में होने चाहिए। संविधान हर व्यक्ति को अपनी पसंद से जीवनसाथी चुनने का अधिकार देता है। लेकिन धर्म और जाति की संकीर्ण मानसिकता इन अधिकारों को कुचल देती है।
शव को घर ले जाने की पुलिस व्यवस्था
मंगलवार को केजीएमयू से अली के शव को पुलिस बल की मदद से घर पहुंचाया गया। अंतिम संस्कार के दौरान भारी पुलिस बंदोबस्त रखा गया। अली के परिवार वालों की मांग है कि आरोपियों को सख्त से सख्त सजा मिले और न्याय जल्द हो।