8th pay commission- केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग के गठन के लिए टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) को मंजूरी दे दी है, जो केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारकों के लिए बड़ी खबर है। यह आयोग केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के वेतन, भत्ते, पेंशन और अन्य सेवा शर्तों की समीक्षा कर सिफारिशें तैयार करेगा। इसकी अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई करेंगी, और इसमें एक पार्ट-टाइम सदस्य और एक सदस्य-सचिव भी शामिल होंगे।
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इस आयोग को गठन की तारीख से 18 महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपनी होगी, यानी अप्रैल 2027 तक इसकी रिपोर्ट आ सकती है। इसके बाद सरकार सिफारिशों के लागू होने का निर्णय लेगी। देशभर में लगभग 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 69 लाख पेंशनधारकों को इससे लाभ होने की उम्मीद है.
8वें वेतन आयोग के टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) का महत्व
टर्म्स ऑफ रेफरेंस यानी वेतन आयोग का कार्यक्षेत्र तय करने वाली शर्तें बड़ी अहम होती हैं, जिनके आधार पर आयोग यह निर्धारित करता है कि किन मुद्दों पर सिफारिशें देगा। इसमें यह तय होता है कि कौन-कौन से कर्मचारी और पेंशनधारक आयोग के दायरे में शामिल होंगे, वेतन वृद्धि और भत्तों का पुनर्मूल्यांकन कैसे किया जाएगा, और पेंशन तथा ग्रेच्युटी पर क्या बदलाव होंगे। साथ ही सरकार की वित्तीय स्थिति को ध्यान में रखकर संतुलित सिफारिशें तैयार करना भी ToR का हिस्सा है। यह दस्तावेज आयोग के काम करने की रूपरेखा तय करता है, जिससे स्पष्ट हो जाता है कि आयोग किस दिशा में काम करेगा.http://Samsung Tablet for Student- पावरफुल प्रोसेसर के साथ, Samsung का शानदार टैबलेट हुआ सस्ता
आयोग की सिफारिशें कब से लागू होंगी?
सरकारी अधिकारियों के अनुसार, 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें जनवरी 2026 से लागू हो सकती हैं। हालांकि, आयोग की रिपोर्ट मिलने और सरकार की मंजूरी के बाद ही वेतन वृद्धि और भत्तों में संशोधन प्रभावी होगा। इससे पहले 7वें वेतन आयोग के आधार पर साल में दो बार महंगाई भत्ता (DA) दिया जाता रहा है, जो वर्तमान में 58 प्रतिशत के करीब है। 8वें वेतन आयोग के लागू होने से इस भत्ते में भी बढ़ोतरी संभव है। इस बदलाव से केंद्रीय कर्मचारियों की आय में काफी सुधार देखने को मिल सकता है.



