जांच एजेंसियों ने अब अपनी प्राथमिकता बदल दी है। तकनीकी कारणों के साथ-साथ अब मानवीय और आपराधिक एंगल पर भी फोकस किया जा रहा है। सीसीटीवी फुटेज, एयर ट्रैफिक कंट्रोल रिकॉर्ड, और पायलट-कॉकपिट कम्युनिकेशन की बारीकी से जांच की जा रही है। साथ ही, विमान में सवार सभी लोगों के परिवार, उनके हालिया व्यवहार और मानसिक स्थिति का भी अध्ययन किया जा रहा है। सुरक्षा एजेंसियां किसी भी संभावित आतंकी या आपराधिक साजिश की संभावना को भी खारिज नहीं कर रही हैं।
यात्रियों और परिजनों में बेचैनी
हादसे के बाद से विमान में सवार यात्रियों के परिजनों में गहरी बेचैनी है। कई परिवारों ने जांच प्रक्रिया में पारदर्शिता की मांग की है। एयरलाइंस कंपनी ने सभी प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता देने का भरोसा दिलाया है। वहीं, सोशल मीडिया पर भी लोग इस हादसे की निष्पक्ष और तेज जांच की मांग कर रहे हैं।
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विमानन क्षेत्र में सुरक्षा पर सवाल
इस हादसे ने एक बार फिर विमानन सुरक्षा मानकों को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि विमानन कंपनियों को पायलट और क्रू के मानसिक स्वास्थ्य पर नियमित निगरानी रखनी चाहिए। साथ ही, सुरक्षा प्रोटोकॉल को और सख्त करने की जरूरत है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके। डीजीसीए ने सभी एयरलाइंस को सुरक्षा मानकों की समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं।
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मीडिया और जनता की नजरें जांच पर
अहमदाबाद प्लेन क्रैश की जांच पर मीडिया और आम जनता की नजरें टिकी हैं। हर छोटी-बड़ी जानकारी पर चर्चा हो रही है और लोग जानना चाहते हैं कि आखिर यह हादसा दुर्घटना था या साजिश। जांच एजेंसियों का कहना है कि वे हर पहलू की गहनता से जांच कर रही हैं और जल्द ही सच्चाई सामने लाई जाएगी।