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Delhi water bill outstanding amount- दिल्ली में पानी के बिलों का बकाया 1.4 लाख करोड़?

दिल्ली जल बोर्ड पर पानी के बिलों का बकाया 1.42 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है, जिसमें सबसे ज्यादा बकाया व्यावसायिक और सरकारी उपभोक्ताओं पर है। सरकार ने लेट पेमेंट सरचार्ज माफ करने की योजना बनाई है, जिससे उपभोक्ताओं को राहत मिलने की उम्मीद है। कई इलाकों में पानी की भारी कमी और वितरण में असमानता पाई गई है। जल बोर्ड पर भारी कर्ज भी है और केंद्र सरकार से वसूली में मदद मांगी गई है। जल बोर्ड स्मार्ट मीटर लगाने और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए कदम उठा रहा है।

दिल्ली जल बोर्ड (DJB) इन दिनों अभूतपूर्व वित्तीय संकट का सामना कर रहा है। राजधानी में पानी के बिलों की बकाया राशि 1.42 लाख करोड़ रुपये से भी अधिक हो गई है। जल मंत्री परवेश वर्मा के अनुसार, यह बकाया मुख्य रूप से लेट पेमेंट सरचार्ज के कारण बढ़ा है। तीन श्रेणियों में सबसे अधिक बकाया व्यावसायिक उपभोक्ताओं पर 66,000 करोड़ रुपये है, इसके बाद सरकारी संस्थानों पर 61,000 करोड़ और घरेलू उपभोक्ताओं पर 15,000 करोड़ रुपये का बकाया है। जल बोर्ड के पास वर्तमान में 29 लाख से अधिक पंजीकृत उपभोक्ता हैं, जिनमें से लाखों उपभोक्ता समय पर बिल जमा नहीं कर पा रहे हैं।

उपभोक्ताओं को राहत की उम्मीद, सरचार्ज माफ करने की योजना

सरकार ने घरेलू और सरकारी श्रेणी के उपभोक्ताओं के लिए लेट पेमेंट सरचार्ज माफ करने की योजना बनाई है। इससे अनुमानित 6,000 से 7,000 करोड़ रुपये की वसूली हो सकती है। जल मंत्री ने बताया कि इस छूट का लाभ लाखों उपभोक्ताओं को मिलेगा, खासकर उन लोगों को जिनके बिल कोविड काल के दौरान गलत मीटर रीडिंग के कारण बढ़ गए थे। मई में हुए एक सर्वे के अनुसार, दिल्ली के कई इलाकों में पानी की आपूर्ति में भारी असमानता पाई गई, जिससे उपभोक्ताओं में असंतोष बढ़ा है।

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जल आपूर्ति में असमानता और सुधार की कोशिशें

सर्वे के मुताबिक, करावल नगर जैसे क्षेत्रों को उनकी मांग के मुकाबले बेहद कम पानी मिल रहा है। करावल नगर की 5 लाख की आबादी को रोजाना सिर्फ 4.7 मिलियन गैलन पानी मिलता है, जबकि मांग 25 एमजीडी है। इसी तरह बुराड़ी और बादली जैसे इलाकों में भी पानी की भारी कमी है। जल मंत्री ने कहा है कि अब पानी का वितरण पूरी तरह आबादी के हिसाब से किया जाएगा और किसी भी तरह की राजनीति नहीं होने दी जाएगी। सरकार ने जीपीएस युक्त टैंकरों की शुरुआत की है, जिससे टैंकर माफिया पर लगाम लगेगी और पारदर्शिता बढ़ेगी।

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बकाया वसूली के लिए केंद्र से मदद की मांग

जल बोर्ड पर 70,000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज भी है, जिसमें मूलधन और ब्याज दोनों शामिल हैं। दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार से भी सरकारी संस्थानों से बकाया वसूलने में मदद मांगी है। जल बोर्ड को यमुना सफाई और जल आपूर्ति नेटवर्क को अपग्रेड करने जैसी कई बुनियादी परियोजनाओं के लिए तुरंत फंड की जरूरत है। इसके अलावा, उपभोक्ताओं की शिकायतों को दूर करने के लिए जल बोर्ड सभी पुराने मैकेनिकल मीटरों को स्मार्ट मीटरों से बदलने की योजना भी बना रहा है।

Tiwari Shivam

शिवम तिवारी को ब्लॉगिंग का चार वर्ष का अनुभव है कंटेंट राइटिंग के क्षेत्र में उन्होंने एक व्यापक समझ विकसित की है वे बहुराष्ट्रीय कम्पनियों व दुनिया के नामी स्टार्टप्स के लिये भी काम करते हैं वह गैजेट्स ,ऑटोमोबाइल, टेक्नोलॉजी, स्पेस रिसर्च ,इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी ,कॉर्पोरेट सेक्टर तथा अन्य विषयों के लेखन में व्यापक योग्यता और अनुभव रखते हैं|

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