मध्य प्रदेश के इंदौर और उज्जैन में 4 मई को हुई NEET-UG परीक्षा के दौरान कई परीक्षा केंद्रों पर बिजली गुल हो गई थी। इस कारण 75 से अधिक छात्रों को परीक्षा में गंभीर दिक्कतों का सामना करना पड़ा। छात्रों ने इस समस्या को लेकर हाई कोर्ट में दोबारा परीक्षा कराने की याचिका दायर की थी।
हाई कोर्ट ने याचिकाएं खारिज कीं
हाल ही में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने इन याचिकाओं को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने परीक्षा कराने वाली नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) की अपील को स्वीकार करते हुए फैसला सुनाया कि दोबारा परीक्षा नहीं होगी। कोर्ट ने सभी पक्षों की सुनवाई के बाद यह फैसला सुरक्षित रखा था, जो अब सुनाया गया है।
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छात्रों का सुप्रीम कोर्ट में अपील का फैसला
हाई कोर्ट के इस फैसले से प्रभावित 75 से ज्यादा छात्र निराश हैं। उन्होंने फैसला आने के बाद सुप्रीम कोर्ट में अपील करने का मन बनाया है। उनका कहना है कि बिजली कटौती के कारण परीक्षा में उनकी तैयारी और प्रदर्शन प्रभावित हुआ है, इसलिए दोबारा परीक्षा जरूरी है।
परीक्षा के दौरान हुई असुविधाएं
परीक्षा के समय बिजली गुल होने से कई केंद्रों पर अंधेरा छा गया था। कुछ केंद्रों पर जनरेटर और पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था नहीं थी, जिससे छात्रों को परीक्षा में कठिनाई हुई। उज्जैन के छह केंद्रों की रिपोर्ट में भी बिजली कटौती की पुष्टि हुई है, जहां करीब 600 छात्र प्रभावित हुए थे।
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काउंसलिंग प्रक्रिया पर असर की संभावना
हाई कोर्ट के फैसले का असर न केवल इन छात्रों पर बल्कि पूरे NEET-UG काउंसलिंग प्रक्रिया और लाखों छात्रों के दाखिले पर भी पड़ सकता है। NTA ने दावा किया है कि वैकल्पिक व्यवस्थाएं उपलब्ध थीं और बिजली कटौती का प्रदर्शन पर कोई खास असर नहीं पड़ा। हालांकि, छात्रों का मानना है कि यह स्थिति अन्यायपूर्ण है।