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income tax return filing process- ITR-2 फॉर्म में टेक्स पेयर को मिलेगा यह सुविधा, जानिए लाभ?

आयकर विभाग ने वित्तीय वर्ष 2024-25 (आकलन वर्ष 2025-26) के लिए नौकरीपेशा और अन्य गैर-व्यवसायिक आय वालों के लिए नया ITR-2 फॉर्म जारी कर दिया है। इस बार फॉर्म में व्यापक बदलाव किए गए हैं ताकि टैक्सपेयर्स अपनी आय, संपत्तियों और निवेश को बेहतर तरीके से और पारदर्शिता के साथ घोषित कर सकें। ITR-2 खासतौर पर उन लोगों के लिए है, जिनकी आय वेतन, पेंशन, पूंजीगत लाभ, एक से अधिक संपत्तियों, शेयरों, म्यूचुअल फंड और अन्य साधनों से होती है, लेकिन व्यापार या व्यवसाय से उनकी आय नहीं होती।

नए ITR-2 फॉर्म में सबसे महत्वपूर्ण बदलाव यह है कि अब आय और संपत्ति की घोषणा उसी स्थिति में करनी होगी जब कुल आय एक करोड़ रुपये से अधिक हो। पहले यह सीमा 50 लाख रुपये थी। इससे बड़ी संख्या में मध्यमवर्गीय नौकरीपेशा लोगों को राहत मिलेगी, जिन्हें अब अपनी संपत्ति और देनदारियों की विस्तृत रिपोर्टिंग नहीं करनी पड़ेगी। इससे फॉर्म को भरना और भी सरल हो गया है।

शेयर बायबैक और डिविडेंड की अलग रिपोर्टिंग

इस बार फॉर्म में शेयर बायबैक से जुड़े पूंजीगत लाभ और डिविडेंड की रिपोर्टिंग को अलग से दर्शाना जरूरी किया गया है। अगर किसी करदाता को कंपनी द्वारा शेयर बायबैक से लाभ या नुकसान हुआ है और उससे संबंधित डिविडेंड आय प्राप्त हुई है, तो दोनों का उल्लेख करना अनिवार्य है। यह सुधार कंपनियों के बायबैक और निवेशकों की आय के पारदर्शी रिकॉर्ड के लिए जरूरी बताया गया है।

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संपत्ति खरीद-फरोख्त पर विशेष निगरानी

ITR-2 में इस बार संपत्ति बिक्री की तारीख को लेकर नई व्यवस्था लागू की गई है। अब अगर आप अपनी संपत्ति 23 जुलाई 2024 के पूर्व या बाद में बेचते हैं, तो उसका उल्लेख करना जरूरी है, जिससे इन संपत्तियों पर सही इंडेक्सेशन लाभ दिया जा सके। दरअसल, वित्त अधिनियम 2024 के बाद संपत्ति बिक्री से हुए पूंजीगत लाभ/हानि पर कई संवैधानिक संशोधन लागू हुए हैं, जिनका सीधा असर टैक्स की गणना पर पड़ता है।

उच्च आय वालों के लिए ऑनलाइन फॉर्म भरना हुआ आसान

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने ITR-2 और ITR-3 की एक्सेल यूटिलिटी लाइव कर दी है और इसमें कई नई तकनीकी सुविधाएं शामिल की गई हैं। इस नए अपडेट से अब उच्च आय वाले टैक्सपेयर्स को ऑनलाइन डेटा भरना और सबमिट करना पहले से आसान और फास्ट हो गया है। साथ ही, प्री-फिल्ड डेटा की सुविधा भी मिलेगी, जिसमें आपका पैन, आधार, वेतन, टीडीएस इत्यादि अधिकांश जानकारियां पहले से ही दर्ज मिलेंगी, जिससे डाटा एंट्री की परेशानियां भी कम होंगी।

डिविडेंड इनकम और टीडीएस का अलगाना

फॉर्म में अब टीडीएस (टैक्स डिडक्टेड ऐट सोर्स) की रिपोर्टिंग को और विस्तृत किया गया है। अब हर एक टीडीएस एंट्री के साथ उस टैक्स की धारा का उल्लेख करना जरूरी होगा जिसके अंतर्गत वह टैक्स काटा गया है। इससे गलत या डुप्लीकेट क्लेम की संभावनाएं कम हो जाएंगी और कर निर्धारण अधिक सटीक हो सकेगा।

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नियम से बाहर: कौन कर सकता है ITR-2 फाइल

ITR-2 उन करदाताओं के लिए है जिनकी आय वेतन, पेंशन, पूंजीगत लाभ, अधिक संपत्तियों या पूंजी के अन्य स्रोतों से हो, लेकिन व्यापार या व्यवसाय (business/professional income) से आय न हो। यदि किसी कर्मचारी की सार्वजनिक क्षेत्र या निजी कंपनी से सैलरी आ रही है और उनकी अन्य आय स्रोतों में म्यूचुअल फंड, शेयर, डिविडेंड, रेंट, पेंशन आदि शामिल हैं, तो उन्हें ITR-2 का चयन करना चाहिए। यदि किसी की आय प्रोपराइटरशिप व्यवसाय, पार्टनरशिप फर्म के लाभ आदि से हो रही है तो उनके लिए ITR-3 या अन्य फॉर्म प्रासंगिक होगा।

ढेरों बदलावों के बावजूद तिथि में मिली राहत

टैक्सपेयर को इस बार ITR-2 फाइल करने में अधिक समय भी मिल गया है। आयकर विभाग ने रिटर्न फाइलिंग की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2025 से बढ़ाकर 15 सितंबर 2025 कर दी है। इससे नौकरीपेशा और मध्य वर्गीय टैक्सपेयर्स को अपनी आय और निवेश का ब्योरा जुटाने एवं सही ढंग से फॉर्म भरने का अतिरिक्त समय मिलेगा।

Tiwari Shivam

शिवम तिवारी को ब्लॉगिंग का चार वर्ष का अनुभव है कंटेंट राइटिंग के क्षेत्र में उन्होंने एक व्यापक समझ विकसित की है वे बहुराष्ट्रीय कम्पनियों व दुनिया के नामी स्टार्टप्स के लिये भी काम करते हैं वह गैजेट्स ,ऑटोमोबाइल, टेक्नोलॉजी, स्पेस रिसर्च ,इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी ,कॉर्पोरेट सेक्टर तथा अन्य विषयों के लेखन में व्यापक योग्यता और अनुभव रखते हैं|

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