National News

Andhra Pradesh liquor scam- 3500 करोड़ शराब घोटाले में जगन मोहन का नाम , जगन का जवाब?

आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने शराब घोटाले को बेबुनियाद बताया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर आरोप लगाया कि यह मामला सिर्फ मीडिया में तमाशा पैदा करने और जनता का ध्यान असली मुद्दों से भटकाने के लिए उछाला गया है। विपक्षी दलों ने घोटाले को लेकर सख्त प्रतिक्रिया दी, वहीं जगन ने इसे राजनीतिक साजिश बताया। जांच एजेंसियों ने अभी उन्हें आरोपी नहीं ठहराया है, लेकिन जांच जारी है। शराब नीति को लेकर राज्य की राजनीति में काफी हलचल है।

आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष जगन मोहन रेड्डी ने हाल ही में शराब घोटाले को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी प्रतिक्रिया दर्ज की है। उन्होंने घोटाले को “मनगढ़ंत कहानी” करार देते हुए कहा कि यह केवल मीडिया में तमाशा खड़ा करने और असली समस्याओं से जनता का ध्यान भटकाने के लिए गढ़ा गया है।

राजनीतिक साजिश का आरोप

जगन मोहन रेड्डी ने आरोपों को राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों की साजिश बताया है। उन्होंने कहा कि उनके और उनकी पार्टी के नेताओं के खिलाफ प्रशासन द्वारा दबाव, धमकी और प्रलोभन के जरिए बयान दर्ज कराए जा रहे हैं। उनका मानना है कि इन सबका मकसद केवल उनकी छवि को नुकसान पहुंचाना और सत्ता में बैठे लोगों पर लगे आरोपों से ध्यान हटाना है।

income tax return filing process- ITR-2 फॉर्म में टेक्स पेयर को मिलेगा यह सुविधा, जानिए लाभ?

जांच एजेंसियों की भूमिका

शराब घोटाले की जांच खास जांच टीम द्वारा की जा रही है। जांच रिपोर्ट में जगन मोहन रेड्डी का नाम घूसखोरी के कथित लाभार्थियों में बताया गया है, लेकिन फिलहाल कोई कानूनी आरोप उन पर नहीं लगाया गया है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 2019 से 2024 के बीच करोड़ों की रकम कई फर्जी कंपनियों और सहयोगियों के जरिए पहुंचाई गई। हालांकि, अदालत ने अभी तक इस जांच रिपोर्ट को औपचारिक मान्यता नहीं दी है।

SBI zero balance rule- SBI में मिनिमम बैलेंस नियम: कम होने पर कटेगा पैसा?

विपक्ष का जवाब

विपक्ष, खासतौर पर तेलुगू देशम पार्टी, ने जगन और उनकी पार्टी पर राज्य में शराब नीति के दुरुपयोग का जोरदार आरोप लगाया है। विपक्षी नेताओं का दावा है कि इस नीति के कारण गरीब परिवारों को बड़ा नुकसान हुआ। दूसरी तरफ, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी का कहना है कि वर्तमान सरकार पुराने शराब नेटवर्क को एक बार फिर सक्रिय करने की कोशिश कर रही है।

शराब नीति की पृष्ठभूमि

2019 के विधानसभा चुनाव में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने राज्य में शराबबंदी का वादा किया था। शुरुआती कुछ महीनों तक शराब की दुकानों की संख्या घटी भी, लेकिन आर्थिक दबाव की वजह से सरकार को अपनी नीति में बदलाव करना पड़ा। इसी विवादित शराब नीति को लेकर पिछले कुछ वर्षों में लगातार राजनीति गर्माई हुई है।

Tiwari Shivam

शिवम तिवारी को ब्लॉगिंग का चार वर्ष का अनुभव है कंटेंट राइटिंग के क्षेत्र में उन्होंने एक व्यापक समझ विकसित की है वे बहुराष्ट्रीय कम्पनियों व दुनिया के नामी स्टार्टप्स के लिये भी काम करते हैं वह गैजेट्स ,ऑटोमोबाइल, टेक्नोलॉजी, स्पेस रिसर्च ,इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी ,कॉर्पोरेट सेक्टर तथा अन्य विषयों के लेखन में व्यापक योग्यता और अनुभव रखते हैं|

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Index