मंदसौर शहर में नवरात्रि की तैयारियों के बीच ऐसा दृश्य सामने आया जिसने पूरे इलाके को हिला दिया। जहां एक ओर युवतियां और बच्चे गरबे की प्रैक्टिस में रंगे हुए थे, वहीं अचानक एक घटना ने माहौल को दहशत में बदल दिया। दरअसल, एक युवती को सबके सामने सात लोगों ने पकड़ लिया और उसे घसीटते हुए ले गए। यह घटना शहर के उस क्षेत्र में घटी जहां प्रतिदिन रात को नवरात्रि महोत्सव के पहले की तैयारियां होती हैं और बड़ी संख्या में लोग जुटते हैं।
लोगों के बीच हड़कंप, कोई आगे नहीं आया
गवाहों का कहना है कि जब युवती गरबे की धुन पर कदमताल कर रही थी, तभी अचानक दो महिलाओं और पांच पुरुषों का एक दल वहां पहुंचा। देखते ही देखते उन्होंने युवती को पकड़ लिया और भीड़ के सामने ही जबरन बाहर खींच ले गए। घटना इतनी अचानक घटी कि वहां मौजूद लोग अवाक रह गए। कई लोग मोबाइल कैमरे में यह दृश्य कैद करने लगे, लेकिन पुलिस को तुरंत सूचना देने या युवती को छुड़ाने की कोशिश किसी ने नहीं की।
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भीड़ के सामने खिंचते हुए ले गई पूरी टोली
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि युवती पूरी ताकत के साथ खुद को छुड़ाने की कोशिश कर रही थी, परंतु उन लोगों ने धक्का-मुक्की और धमकियों के बल पर उसे सड़क की तरफ घसीट लिया। लोगों का कहना है कि युवती के चिल्लाने की आवाजें वहां गूंज रही थीं, लेकिन माहौल में डर और अफरातफरी की वजह से लोग हस्तक्षेप करने से बचते रहे।
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सीसीटीवी और वीडियो क्लिप बनी अहम कड़ी
घटना स्थल के आस-पास लगे सीसीटीवी कैमरों और वहां मौजूद लोगों के मोबाइल वीडियो अब इस केस में अहम सबूत बन सकते हैं। पुलिस सूत्र बताते हैं कि फुटेज को खंगाला जा रहा है और आरोपियों की पहचान की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। कई वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुए हैं, जिसके बाद यह मामला पूरे जिले में चर्चा का विषय बन गया।
परिजनों का आरोप और आक्रोश
युवती के परिजनों का कहना है कि आरोपी पक्ष पहले से ही विवाद में शामिल थे और लगातार धमकियां भी मिल रही थीं। उनका आरोप है कि यह घटना किसी निजी रंजिश के तहत की गई, ताकि परिवार को दबाव में लाया जा सके। परिजनों ने पुलिस पर भी सवाल उठाए और कहा कि यदि समय रहते सुरक्षा दी जाती तो इस तरह की वारदात नहीं होती।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई का दावा
घटना की खबर लगते ही पुलिस की टीमें मौके पर पहुंचीं और पूरे इलाके में नाकाबंदी की गई। पुलिस अधीक्षक ने कहा है कि शामिल सभी सातों आरोपियों की पहचान हो चुकी है और जल्द ही उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। उन्होंने स्वीकार किया कि भीड़भाड़ वाले इलाके में इस तरह युवती को उठाया जाना गंभीर चिंता का विषय है और सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया जाएगा।
सामाजिक संगठनों का प्रदर्शन
मामले के सामने आने के बाद मंदसौर में कई सामाजिक संगठनों ने विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया। संगठनों ने कहा कि यदि ऐसी घटनाएं सार्वजनिक जगहों पर होंगी तो महिलाएं और लड़कियां त्योहारों के आयोजनों में हिस्सा लेने से डरने लगेंगी। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि दोषियों पर केवल कानूनी कार्रवाई ही नहीं बल्कि कड़ी सजा भी दिलाई जाए।
त्योहारों की खुशियों पर सवाल
नवरात्रि और गरबा का समय जहां एक ओर खुशी और उत्सव का अवसर होता है, वहीं इस घटना ने उत्साह पर एक साया डाल दिया है। आयोजकों का कहना है कि अब हर स्थल पर सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने की नई रणनीति बनाई जाएगी। पुलिस ने भी आश्वासन दिया है कि हर आयोजन स्थल पर महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती की जाएगी, ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।
शहर में गूंजता रहा सवाल
मंदसौर की यह वारदात केवल एक युवती की सुरक्षा से जुड़ा मामला नहीं बल्कि पूरे समाज के लिए एक चेतावनी है। लोग अब यह सवाल कर रहे हैं कि जब सैकड़ों लोगों की भीड़ मौजूद थी, तो आखिर किसी ने युवती को बचाने की हिम्मत क्यों नहीं दिखाई। यह समाज के सामूहिक डर या संवेदनहीनता की ओर इशारा करता है, जो अपने आप में बेहद चिंताजनक है।
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