मध्य प्रदेश और राजस्थान में कथित तौर पर दूषित कफ सिरप पीने के बाद बच्चों की मौत का मामला देश की सर्वोच्च अदालत तक पहुंच गया है। जनहित याचिका (पीआईएल) के माध्यम से अदालत से मांग की गई है कि पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए ताकि दोषियों की पहचान कर उन्हें सजा दिलाई जा सके।
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सीबीआई जांच एवं विशेषज्ञ समिति की अपील
इस मामले पर अधिवक्ता विशाल तिवारी द्वारा दाखिल पीआईएल में कोर्ट से अनुरोध किया गया है कि सीबीआई जांच की निगरानी किसी रिटायर सुप्रीम कोर्ट जज की देखरेख में कराई जाए। याचिका में राष्ट्रीय न्यायिक आयोग या विशेषज्ञ समिति गठित करने का भी आग्रह किया गया है, जिसमें औषधि विज्ञान, विषविज्ञान और नियामक विशेषज्ञों को शामिल किया जाए, ताकि नियामक तंत्र की कमियों की व्यापक जांच संभव हो सके।
कोल्डरिफ सिरप बना मौत का कारण
प्राथमिक जांच के अनुसार, शिवपुरी (मध्य प्रदेश) और बाड़मेर (राजस्थान) में कई बच्चों की मौत कोल्डरिफ कफ सिरप पीने के बाद हुई। यह सिरप तमिलनाडु स्थित कंपनी स्रेसन फार्मा द्वारा निर्मित किया गया था। जांच में सिरप में डाईएथिलीन ग्लाइकोल (DEG) नामक जहरीले रसायन की मात्रा पाई गई, जो स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक खतरनाक है। भोपाल स्थित सरकारी लैब की रिपोर्ट में भी यही तथ्य सामने आए हैं, जिससे सिरप के एक बैच में 46% तक डाईएथिलीन ग्लाइकोल मिला।