zero based budgeting method step by step- आज के समय में ज्यादातर लोग महीने के आखिर तक आते-आते यही सोचने लगते हैं कि पैसे कहां चले गए। तनख्वाह मिलते ही सारे खर्च पूरे नहीं हो पाते, और बचे हुए पैसों का कोई हिसाब नहीं रहता। अगर आप भी इस समस्या से परेशान हैं, तो अब वक्त आ गया है जीरो-बेस्ड बजटिंग फॉर्मूला अपनाने का, जो न सिर्फ आपकी कमाई को बेहतर तरीके से मैनेज करेगा बल्कि आपको बचत करना भी सिखाएगा।
http://Gaming headphones- दमदार साउंड, 70Hrs लंबी बैटरी, गेमिंग के लिए शानदार!
जीरो-बेस्ड बजटिंग क्या है?
जीरो-बेस्ड बजटिंग एक ऐसा तरीका है जिसमें आपकी हर कमाई का एक निश्चित उद्देश्य तय होता है। यानी महीने की शुरुआत में आप जितनी राशि कमाते हैं, उसे अलग-अलग खर्चों में इस तरह बांटते हैं कि आखिर में आपके पास शून्य (Zero) बचे। इसका मतलब यह नहीं कि पैसा खत्म हो गया, बल्कि हर पैसे का एक ठोस मकसद पूरा हुआ — चाहे वह ज़रूरी बिलों का भुगतान हो, महीनावार बचत, या किसी लंबी अवधि के लक्ष्य के लिए निवेश।
http://Best laptops for students- दमदार परफॉर्मेंस और Windows 11 के साथ 13% डिस्काउंट पर!
इसे अपनाने का आसान तरीका
- अपनी आय लिखें: सबसे पहले महीने की कुल आमदनी नोट करें।
- हर खर्च की लिस्ट बनाएं: ज़रूरी खर्च जैसे किराया, बिजली बिल, राशन इत्यादि, और अनिवार्य नहीं खर्च जैसे बाहर खाना या शॉपिंग, दोनों को अलग-अलग लिखें।
- हर पैसों को काम पर लगाएं: अब अपनी आय को इन खर्चों और बचत में इस तरह विभाजित करें कि महीने के अंत में आपकी बैलेंस शीट में शून्य दिखे।
- रिव्यू करते रहें: हर 15 दिनों या महीने के बीच में अपने खर्चों की समीक्षा करें ताकि कोई गलती न रह जाए।
इसके फायदे क्या हैं?
- बचत में बढ़ोतरी: हर खर्च का पूर्वानुमान होने से बेवजह पैसा खर्च नहीं होता।
- वित्तीय नियंत्रण: आपको यह समझ आने लगता है कि आपकी कमाई किन चीजों में जा रही है।
- मानसिक सुकून: जब आपके पैसों का हर हिस्सा सही दिशा में जा रहा होता है तो आर्थिक तनाव भी कम होता है।



