How to fight false rape cases in India –आमतौर पर वर्तमान में यह देखा जा रहा है कि बड़ी संख्या में पुरुषों के ऊपर दुष्कर्म के केस किए जा रहे हैं लेकिन इसमें से अधिकतर केस ऐसे होते हैं जिनमें कोई दम नहीं होता वह मात्र पुरुषों को परेशान करने के लिए किए जाते हैं ऐसा हम नहीं कह रहे हैं बल्कि कह रहा है दिल्ली हाइकोर्ट बताते चलें कि दिल्ली हाइकोर्ट के द्वारा एक व्यक्ति के खिलाफ़ दुष्कर्म की एफआइआर को रद्द करने की याचिका पर यह अत्यंत महत्वपूर्ण टिप्पणी की गई|
How to fight false rape cases in India -दिल्ली हाइकोर्ट ने क्या कहा
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता(Indian Civil Defence Code) की धारा 528 के तहत मुकदमा रद्द करने के लिए माननीय दिल्ली हाई कोर्ट के समक्ष एक व्यक्ति के द्वारा याचिका लगाई गई थी याचिका की सुनवाई करते हुए मामले का निपटारा कर दिया गया और दिल्ली हाइकोर्ट के द्वारा दुष्कर्म की एफआइआर को रद्द करते हुए संबंधित व्यक्ति को आरोपों से मुक्त करते हुए दोषमुक्त कर दिया गया इसी दौरान दिल्ली हाइकोर्ट ने यह भी कहा कि दुष्कर्म महिलाओं के खिलाफ़ सबसे गंभीर अपराधों में से एक है लेकिन कुछ लोग इसका इस्तेमाल पुरुषों को बेवजह परेशान करने के लिए करते हैं|

How to fight false rape cases in India -क्या था याचिकाकर्ता पर आरोप
याचिकाकर्ता पर यह आरोप लगाया गया था कि उसने एक महिला के साथ में यौन उत्पीड़न किया है जिसके साथ वह पहले रिश्ते में था हाइकोर्ट ने यह पाया की एफआइआर केवल बाद में सोंची गयी बात थी कोर्ट ने यह भी कहा की रिकॉर्डिंग ,वॉट्सऐप ,चैट और मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज बयान स्पष्ट रूप से यह प्रदर्शित करते हैं कि दुष्कर्म के अपराध की तत्व पूरे नहीं होते हैं|

How to fight false rape cases in India आपसी सहमति से बनाया गया संबंध दुष्कर्म नहीं
माननीय दिल्ली हाइकोर्ट ने यह भी स्पष्ट कहा कि अगर कोई पुरुष और महिला आपसी सहमति से शारीरिक संबंध बनाते हैं तो यह दुष्कर्म के दायरे में नहीं आता है इस केस में भी महिला एवं याचिकाकर्ता के द्वारा आपसी सहमति से संबंध बनाया गया था इसलिए यह शादी के झूठे वादे पर आधारित नहीं था लिहाजा माननीय हाईकोर्ट के द्वारा इस मुकदमे को रद्द कर दिया गया|

How to fight false rape cases in India -पूरे देश के मुकदमों पर पड़ेगा असर
इस फैसले का असर संपूर्ण भारतवर्ष में शादी का वादा करके दुष्कर्म किए जाने के आरोप पर दर्ज मुकदमे पर पड़ेगा अगर ऐसे मुकदमो में महिला एवं पुरुष के द्वारा आपसी सहमति से संबंध बनाया गया है क्योंकि दुष्कर्म के दायरे में नहीं आएगा और जो मुकदमा संबंधित व्यक्ति के ऊपर दर्ज हुआ है वह मुकदमा खारिज कर दिया जायेगा इसलिए महिलाओं को भी यह चेतावनी है कि अगर वह किसी भी व्यक्ति की यानी पुरुष के खिलाफ़ मुकदमा दर्ज करवाती हैं तो बड़ा ही सोच समझकर करवाएं क्योंकि मुकदमा झूठा होने पर उनके खिलाफ़ भी गंभीर धाराओं में केस दर्ज किए जा सकते हैं और जेल भी जाना पड़ सकता है|