How many died in Ahmedabad plane crash– अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर गुरुवार दोपहर एक आम दिन की तरह शुरू हुआ था। लंदन के लिए उड़ान भरने वाली एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 में बैठे 242 यात्री और 12 क्रू मेंबर अपने-अपने सपनों के साथ सफर पर निकले थे। लेकिन किसे पता था कि यह सफर इतिहास की सबसे बड़ी त्रासदी में बदल जाएगा। टेक-ऑफ के कुछ ही मिनटों बाद विमान का संपर्क टूट गया और वह मेघानीनगर की एक इमारत से टकरा गया। पल भर में आसमान आग के गोले में बदल गया, और चारों तरफ चीख-पुकार मच गई।
How many died in Ahmedabad plane crash- राख में बदलते सपने
जहां विमान गिरा, वहां का दृश्य किसी डरावने सपने से कम नहीं था। धुएं के घने बादल, जले हुए मलबे के ढेर और हर तरफ बिखरी चीखें—हर दृश्य दिल दहला देने वाला था। राहत और बचाव दल ने बिना समय गंवाए मोर्चा संभाला। फायर ब्रिगेड, पुलिस, सेना और एनडीआरएफ की टीमें लगातार मलबा हटाने और घायलों को निकालने में जुट गईं। अहमदाबाद सिविल अस्पताल के गलियारे परिजनों की चीखों और आंसुओं से भर गए। वहां हर कोई अपने प्रियजन की सलामती की खबर सुनने को बेताब था।
How many died in Ahmedabad plane crash-अधूरे ख्वाब
इस हादसे ने न जाने कितने परिवारों की खुशियों को हमेशा के लिए छीन लिया। राजस्थान के उदयपुर की पायल खटिक, जो लंदन में पढ़ाई का सपना लेकर निकली थीं, अब सिर्फ यादों में रह गईं। मणिपुर की दो बहनें—लामनुनथेम सिंगसन और नगनथोई शर्मा—एयर इंडिया की केबिन क्रू थीं, जिनका मुस्कराता चेहरा अब तस्वीरों में ही रह गया। महाराष्ट्र के बदलापुर के दीपक पाठक, जो 11 साल से एयर इंडिया में थे, अब अपनी मां की पुकार का जवाब कभी नहीं दे पाएंगे। हर परिवार की अपनी एक अधूरी कहानी है, जो इस हादसे के साथ खत्म हो गई।
How many died in Ahmedabad plane crash-राजनीति और मनोरंजन जगत में शोक की लहर
इस विमान में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी सवार थे। उनकी मृत्यु की खबर ने राजनीतिक गलियारों में सन्नाटा फैला दिया। विजय रूपाणी का जीवन संघर्ष और सेवा का प्रतीक था, लेकिन नियति ने उनकी यात्रा यहीं रोक दी। वहीं, बॉलीवुड अभिनेता विक्रांत मैसी के चचेरे भाई क्लाइव कुंदर, जो इस विमान के को-पायलट थे, भी इस हादसे के शिकार हो गए। विक्रांत ने सोशल मीडिया पर अपने दर्द को साझा किया—उनकी पोस्ट ने हजारों दिलों को छू लिया।

How many died in Ahmedabad plane crash- एकमात्र जीवित यात्री
सैकड़ों मौतों के बीच एक नाम है—रमेश विश्वास कुमार। सीट 11A पर बैठे रमेश ने बताया कि टेक-ऑफ के कुछ सेकंड बाद जोरदार धमाका हुआ, और विमान सीधे नीचे गिरने लगा। आग की लपटों में घिरा प्लेन जब जमीन से टकराया, तो रमेश किसी तरह जलते मलबे से बाहर निकल आए। अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है। उनकी कहानी आज हर किसी के लिए उम्मीद की मिसाल बन गई है।
How many died in Ahmedabad plane crash-प्रशासन की चौकसी और जद्दोजहद
हादसे के तुरंत बाद प्रशासन ने राहत और बचाव कार्यों में कोई कसर नहीं छोड़ी। फायर ब्रिगेड, पुलिस, सेना और एनडीआरएफ की टीमें लगातार मलबा हटाने, घायलों को अस्पताल पहुंचाने और शवों की शिनाख्त में लगी रहीं। अहमदाबाद सिविल अस्पताल के गलियारों में परिजनों की भीड़ लगी रही, हर कोई अपने प्रियजन की तलाश में बेचैन था।

How many died in Ahmedabad plane crash–सपनों की उड़ान, अंतिम सफर बन गई
लंदन के गैटविक एयरपोर्ट के लिए रवाना हुआ यह विमान कई लोगों के लिए सपनों की उड़ान थी। किसी के लिए नई जिंदगी की शुरुआत, किसी के लिए परिवार से मिलने का मौका, तो किसी के लिए करियर की ऊंचाइयों को छूने का सपना था। लेकिन किस्मत ने उनकी यह यात्रा हमेशा के लिए रोक दी। कई परिवारों की खुशियां, उम्मीदें और सपने इस हादसे के साथ ही राख हो गए।
How many died in Ahmedabad plane crash–देशभर में संवेदना और शोक
अहमदाबाद विमान हादसे की खबर फैलते ही देशभर में शोक की लहर दौड़ गई। प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, नेताओं और आम लोगों ने सोशल मीडिया पर संवेदनाएं व्यक्त कीं। हर कोई पीड़ित परिवारों के लिए दुआ कर रहा है, लेकिन इस दर्द को शब्दों में बयां करना मुश्किल है। हर शहर, हर गांव में इस हादसे की चर्चा है—हर किसी के मन में एक ही सवाल है कि आखिर यह सब क्यों हुआ।

How many died in Ahmedabad plane crash–जांच के आदेश
सरकार ने हादसे की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं। तकनीकी टीमों को ब्लैक बॉक्स और मलबे की जांच के लिए लगाया गया है। हादसे के कारणों को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं—क्या तकनीकी खामी थी, या कोई मानवीय भूल? प्रशासन ने कहा है कि जांच के बाद ही सच्चाई सामने लाई जाएगी। इस बीच, लोग जवाबों का इंतजार कर रहे हैं।
How many died in Ahmedabad plane crash–इतिहास की सबसे बड़ी त्रासदी
अहमदाबाद विमान हादसा भारतीय एविएशन इतिहास की सबसे बड़ी त्रासदियों में शामिल हो गया है। 264 लोगों की मौत ने पूरे देश को झकझोर दिया है। यह हादसा न सिर्फ एक तकनीकी चूक, बल्कि कई परिवारों की अधूरी कहानियों और टूटे सपनों की भी दास्तान बन गया है।