मध्य प्रदेश के भिंड जिले से एक चौंकाने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें भिंड के जिला मजिस्ट्रेट और आईएएस अधिकारी संजीव श्रीवास्तव को एक छात्र पर थप्पड़ मारते हुए देखा जा सकता है। यह घटना 1 अप्रैल 2025 की बताई जा रही है, जो दीनदयाल डंगरोलिया महाविद्यालय में बीएससी सेकेंड ईयर की गणित परीक्षा के दौरान हुई। वीडियो में अधिकारी छात्र को उसकी सीट से खींचकर परीक्षा कक्ष से बाहर ले जाते हैं और बार-बार थप्पड़ मारते हैं।
छात्र पर नकल के आरोप और कलेक्टर की कार्रवाई
जानकारी के अनुसार, कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव को परीक्षा केंद्र पर नकल की शिकायत मिली थी। उन्होंने आरोपित छात्र रोहित राठौड़ को पकड़कर उसकी पिटाई की। वीडियो में कलेक्टर छात्र से सवाल करते हुए भी नजर आते हैं, “प्रश्नपत्र कहां है, हवा में लिख रहा था?” छात्र ने बाद में स्वीकार किया कि उसने नकल की कोशिश की थी, लेकिन थप्पड़ मारने से उसके कान में चोट भी आई। छात्र ने बताया कि वह आईएएस अधिकारी होने के कारण कुछ कह नहीं पाया।
वायरल वीडियो के बाद बढ़ी आलोचनाएं
यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव की काफी आलोचना हुई है। कई लोग इस घटना को प्रशासनिक दुरुपयोग और अत्यधिक कठोरता का उदाहरण बता रहे हैं। वहीं, कुछ लोग कलेक्टर की सख्ती को नकल रोकने के प्रयास के तौर पर देख रहे हैं। इस बीच, अधिकारी ने दावा किया है कि कॉलेज में बड़े पैमाने पर नकल का रैकेट चल रहा था और उन्होंने जीवाजी विश्वविद्यालय को इस कॉलेज को परीक्षा केंद्र से हटाने की सिफारिश भी की है।

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संजीव श्रीवास्तव का विवादों से पुराना नाता
संजीव श्रीवास्तव पहले भी विवादों में रह चुके हैं। फरवरी 2025 में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने उनकी कार्यशैली पर सवाल उठाए थे। इसके अलावा, भिंड की तहसीलदार माला शर्मा ने उन पर मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया था। 2024 में एक पत्रकार के साथ कथित धार्मिक भेदभाव के आरोप भी उनके खिलाफ लगे थे। ऐसे में यह नया मामला उनके प्रशासनिक रवैये पर सवाल खड़ा करता है।
संजीव श्रीवास्तव की पृष्ठभूमि और करियर
संजीव श्रीवास्तव का जन्म 27 जून 1968 को मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में हुआ था। उन्होंने बीई, एमबीए की डिग्री हासिल की और बाद में पीजीडीसीए का सर्टिफिकेट भी प्राप्त किया। वर्ष 2011 में उन्हें आईएएस में प्रमोशन मिला। भिंड से पहले वे उमरिया जिले के कलेक्टर रह चुके हैं और बैतूल, छतरपुर, रायसेन, भोपाल में भी सेवाएं दे चुके हैं।
छात्र और प्रशासन के बीच विवाद का असर
इस घटना के बाद छात्र और प्रशासन के बीच तनाव बढ़ गया है। छात्र ने कान में चोट की शिकायत की है, वहीं प्रशासन ने नकल रोकने के लिए सख्ती को जरूरी बताया है। इस मामले ने मध्य प्रदेश में परीक्षा केंद्रों की सुरक्षा और प्रशासनिक व्यवहार पर व्यापक चर्चा छेड़ दी है।