बिहार की राजनीति एक बार फिर गर्म हो उठी है। विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल आते ही सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज़ हो गई है। हर कोई जानना चाहता है कि क्या प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी इस बार कोई करिश्मा दिखा पाएगी?
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प्रशांत किशोर की राजनीति
प्रशांत किशोर, जिन्हें देश के सबसे बड़े चुनावी रणनीतिकारों में गिना जाता है, ने बिहार की मिट्टी से जनसुराज पार्टी की शुरुआत की थी। उनका लक्ष्य केवल सत्ता नहीं बल्कि एक नया राजनीतिक मॉडल तैयार करना था जो जनता की भागीदारी पर आधारित हो। पिछले दो वर्षों में उन्होंने पूरे बिहार का दौरा किया, गांव-गांव जाकर संवाद यात्राएं कीं और युवाओं व किसानों को अपने साथ जोड़ा।
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एग्जिट पोल के ताजा नतीजे
एग्जिट पोल के मुताबिक, जनसुराज पार्टी को इस बार बिहार की 243 विधानसभा सीटों में से 8 से 12 सीटों तक पर जीत मिल सकती है। जबकि उसके वोट शेयर का अनुमान करीब 6 से 7 प्रतिशत तक लगाया जा रहा है। यह आंकड़ा छोटा अवश्य है, लेकिन एक नई पार्टी के लिए यह बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
महागठबंधन को 110 से 120 सीटों के बीच और एनडीए गठबंधन को 100 से 110 सीटों तक का अनुमान मिला है। बाकी सीटों पर छोटे दल और निर्दलीय प्रत्याशी प्रभाव डाल रहे हैं।
