देशभर में चर्चा का विषय बने छांगुर बाबा के कथित आर्थिक साम्राज्य का असली खेल अब सामने आ गया है। जांच एजेंसियों की रिपोर्ट के अनुसार, छांगुर बाबा और उनके सहयोगियों के नाम पर करीब 100 बैंक खाते संचालित किए जा रहे थे। इन खातों के जरिए लगभग 500 करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ है, जिससे कई राज्यों की एजेंसियां सतर्क हो गई हैं।
फर्जीवाड़े की जड़ में बहुस्तरीय नेटवर्क
सूत्रों के मुताबिक, छांगुर बाबा ने अपने अनुयायियों और करीबी लोगों के नाम पर बैंक खाते खुलवाए। इन खातों में लगातार बड़ी रकम जमा और निकासी की जाती रही। जांच में सामने आया है कि इन खातों का इस्तेमाल न सिर्फ दान और चढ़ावे के पैसे को इधर-उधर करने के लिए हुआ, बल्कि हवाला और संदिग्ध लेन-देन के लिए भी किया गया। आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय ने इन खातों की गहन जांच शुरू कर दी है।
कई राज्यों में फैला आर्थिक जाल
छांगुर बाबा का नेटवर्क सिर्फ एक राज्य तक सीमित नहीं था। जांच में पता चला है कि उनके आर्थिक लेन-देन के तार दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों से जुड़े हैं। इन राज्यों में बाबा के आश्रम और ट्रस्ट के नाम पर संपत्ति और नकदी का बड़ा खेल चल रहा था। कई फर्जी कंपनियों और ट्रस्ट के जरिए भी धन का प्रवाह किया गया।
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डिजिटल ट्रांजैक्शन और हवाला की जांच
जांच एजेंसियां अब डिजिटल ट्रांजैक्शन और हवाला के जरिए हुए पैसों के मूवमेंट को खंगाल रही हैं। बैंक खातों की स्टेटमेंट, संदिग्ध मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी की भी जांच की जा रही है। सूत्रों का कहना है कि छांगुर बाबा के नेटवर्क में कई सफेदपोश और कारोबारी भी शामिल हो सकते हैं, जिनकी भूमिका की जांच जारी है।