छत्तीसगढ़ की राजनीति शुक्रवार सुबह उस वक्त गरमा गई जब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेश बघेल के भिलाई स्थित आवास पर छापामारी की कार्रवाई शुरू कर दी। यह छापा बघेल के बेटे चैतन्य बघेल के खिलाफ चल रही कथित शराब घोटाले की जांच के तहत मारा गया। बताया जा रहा है कि ईडी की टीम सुबह लगभग छह बजे भारी पुलिस बल के साथ भिलाई निवास पहुंची और घर के भीतर लंबी तलाशी अभियान को अंजाम दिया।
जिला और परिवार की हलचल
इस कार्रवाई के दौरान बघेल परिवार के सभी सदस्य—पत्नी, बेटियाँ, बेटा, बहू और पोते-पोती—घर में मौजूद थे। पूरे इलाके में सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी, वहीं कांग्रेस कार्यकर्ताओं व समर्थकों की भारी भीड़ आवास के बाहर एकत्रित हो गई। कई नेताओं ने इस छापे का विरोध जताते हुए इसे राजनीतिक बदले की भावना करार दिया। इधर, भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, “ईडी आ गई। आज विधानसभा सत्र का अंतिम दिन है। तमनार में पेड़ों की कटाई का मुद्दा उठाना था, लेकिन साहेब ने भिलाई निवास में ईडी भेज दी है”।
शराब घोटाला: क्या है आरोप?
ईडी के अनुसार, जिस शराब घोटाले में छापेमारी हो रही है, उसमें साल 2019 से 2022 के बीच राज्य की शराब नीति में बड़े स्तर पर धांधली और पैसे की हेराफेरी हुई है। बताया गया कि राज्य सरकार के कुछ अधिकारी, व्यवसायी और राजनेता मिलकर शराब की आपूर्ति में गड़बड़झाला कर रहे थे, जिससे राज्य को हजारों करोड़ का घाटा हुआ। ईडी का अनुमान है कि इस घोटाले के जरिये लगभग 2,161 करोड़ रुपये की अवैध कमाई की गई, जिसमें से एक बड़ा हिस्सा चैतन्य बघेल तक पहुंचने का शक है।
तलाशी और जब्त दस्तावेज
ईडी की टीम ने पूरे घर की तलाशी के दौरान कई अहम दस्तावेज, डिजिटल रिकॉर्ड और नगदी जब्त की है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, लगभग 32-33 लाख रुपये नकद अन्य सामग्री मिली, जिसके बारे में परिवार का कहना है कि वह पारिवारिक कृषि, पशुपालन और अन्य कानूनी स्रोतों से अर्जित है। छापेमारी के दौरान बघेल परिवार ने हर सवाल का जवाब देने की बात कही और सभी दस्तावेज पेश किए जाने का भरोसा जताया।