मध्यप्रदेश में पिछले कुछ दिनों से बारिश का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। राज्य के अधिकांश हिस्सों में लगातार हो रही बारिश ने जहां गर्मी और उमस से राहत दी है, वहीं कई क्षेत्रों में जलभराव और सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। राजधानी भोपाल, इंदौर, जबलपुर और उज्जैन सहित अनेक जिलों में रातभर ज़ोरदार बारिश देखने को मिली।
मौसम विभाग ने जताई भारी बारिश की आशंका
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने मंगलवार को मध्यप्रदेश के कई इलाकों में भारी से अति भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। विभाग ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव के क्षेत्र के कारण उत्तर-पश्चिमी मध्यप्रदेश में चार दिनों तक लगातार वर्षा हो सकती है। जबलपुर, कटनी, बालाघाट, सिवनी, मंडला, डिंडोरी, नीमच और रतलाम जैसे जिलों में विशेष निगरानी के निर्देश दिए गए हैं।
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नदी-नाले उफान पर, स्कूलों में छुट्टी की घोषणा
लगातार हो रही बारिश के चलते कई जिलों की नदियों और नालों का जलस्तर बढ़ गया है। कुछ जगहों पर सड़कें जलमग्न हो गई हैं, जिससे यातायात प्रभावित हुआ है। खंडवा और बैतूल जिलों में जलभराव की स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन ने प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में दो दिनों की छुट्टी की घोषणा की है। राहत और बचाव टीमों को अलर्ट पर रखा गया है।
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किसानों के लिए फसल की उम्मीदें बढ़ीं
वहीं, किसानों के लिए यह वर्षा राहत लेकर आई है। सोयाबीन, धान, मक्का जैसी खरीफ फसलों के लिए यह बारिश अत्यंत लाभकारी मानी जा रही है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार यदि वर्षा का यह क्रम संतुलित रूप से जारी रहा, तो इस बार उत्पादन रिकॉर्ड स्तर छू सकता है। कुछ क्षेत्रों में जलभराव के कारण शुरुआती नुकसान की आशंका जरूर जताई गई है।