Hierarchy of courts in India explained with diagram and jurisdiction-भारत में न्यायालय कितने प्रकार के होते हैं?जानिये

Hierarchy of courts in India explained with diagram and jurisdiction-भारत में न्यायालय कितने प्रकार के होते हैं?जानियेभारत में न्याय प्राप्त करने हेतु न्याय व्यवस्था का क्या क्रम है और वह किस तरीके से काम करता है और कौन  वरीष्ठ होता है अथवा कौन कनिष्ठ होता है तथा भारत का सबसे बड़ा न्यायालय कौन है और जिलों में न्यायालय की व्यवस्था किस प्रकार से होती है इस विषय में आपको इस ब्लॉग में जानने को मिलेगा यहाँ हम आपको बताएंगे कि भारत में जो न्याय व्यवस्था है वो किस प्रकार से काम करती है और लोगों को किस तरीके से न्याय मिलता है|

Hierarchy of courts in India explained with diagram and jurisdiction-प्रत्येक व्यक्ति को न्याय पाने का अधिकार है या मानवाधिकार के साथ उस व्यक्ति का मौलिक अधिकार भी है अनुच्छेद 32 के तहत मौलिक अधिकार के उल्लंघन पर कोई भी व्यक्ति सीधे उच्चतम न्यायालय जा सकता है  अनुच्छेद 226 के तहत यह शक्ति हाइकोर्ट के पास भी है|

कोई भी हाइ कोर्ट किसी भी व्यक्ति के मौलिक अधिकार से जुड़े मामलों पर सुनवाई कर सकता है लेकिन क्या आप जानते हैं भारत में जो न्याय व्यवस्था है उसका पदानुक्रम क्या है जिले में कितने तरह के न्यायालय होते हैं इस विषय में आपको इस ब्लॉक में हम विस्तार से बताएंगे जिससे कि आप अपने देश की न्याय व्यवस्था के विषय में आसान भाषा में समझ सके|

Hierarchy of courts in India explained with diagram and jurisdiction-राजस्व  न्यायालय

राजस्व न्यायालय व न्यायालय होता है जो जमीन और संपत्ति से जुड़े मामलों की सुनवाई करता है अगर किसी भी व्यक्ति की जमीन और राज्य से संबंधित मामला है तो वह राज्य से न्यायालय में जाकर अपने मामले को रख सकता है वहाँ पर उसकी सुनवाई होगी राजस्व न्यायालय किसी भी व्यक्ति को सजा देने की सुनवाई नहीं करते बल्कि यह सम्पत्ति विवाद तथा जमीन विवाद से संबंधित मामलों की सुनवाई करते हैं|

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Hierarchy of courts in India explained with diagram and jurisdiction-राजस्व मण्डल

राजस्व मंडल वह न्यायालय होता है जिसमें कि कृषि  योग्य भूमि या बंजर भूमि की सुनवाई होती है यहाँ मात्र जमीन से संबंधित मामलों की सुनवाई करते हैं जबकि राजस्व न्यायालय संपत्ति चाहे वह जंगम हो या फिर चलायमान हो उसे संपत्ति की सुनवाई कर सकता है परन्तु राजस्व मण्डल कृषि योग्य भूमि नामांतरण बंटवारा तथा संपत्ति के विभाजन जैसे मामलों की सुनवाई करता है इस मामले की सुनवाई अमूमन शासकीय अधिकारी यानी की राजपत्रित अधिकारी कह करते हैं जैसे तहसीलदार, एसडीएम, कलेक्टर व कमिश्नर|

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Hierarchy of courts in India explained with diagram and jurisdiction-क्रिमिनल कोर्ट

क्रिमिनल कोर्ट सबसे महत्वपूर्ण कोट होता है इसमें किसी भी व्यक्ति को जो की आरोपी होता है यानी की कोई अपराध करता है तो उसे कारावास करने के मामले को लेकर सुनवाई की जाती है और ट्रायल चलता है जिसे विचारण भी कहा जाता है इस मामले में  जैसे मजिस्ट्रेट सुनवाई करते हैं जो कि विभिन्न पदानुक्रम के होते हैं और सुनवाई पूरी होने के बाद मामले की अपील भी जाती है उच्चतम न्यायालय में कि जा सकती है|

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Hierarchy of courts in India explained with diagram and jurisdiction-ट्रिब्यूनल्स

ट्रिब्यूनल ऐसे संस्थान या बोर्ड होते हैं जो कि सरकार के द्वारा किसी विशेष मामले की सुनवाई हेतु गठित किए जाते हैं जैसे की पर्यावरण से संबंधित मामले की सुनवाई के लिए एनजीटी का गठन किया गया है इसी प्रकार दूसरे मामलों की सुनवाई के लिए भी ट्रिब्यूनल का गठन किया जा सकता है|

सरकार जिस  मामले में चाहे उस मामले में ट्रिब्यूनल का गठन कर सकती है ट्रिब्यूनल को सिविल कोर्ट की शक्ति प्राप्त होती है या जुर्माना लगा सकते है वो जुर्माना की राशि कितनी भी हो सकती है इन मामलों की अपील सुप्रीम कोर्ट में की जा सकती और कुछ मामलों में नहीं भी की जाती है|

Role of Supreme Court, High Courts, and subordinate courts in India

Hierarchy of courts in India explained with diagram and jurisdiction-विशेष न्यायालय

विशेष न्यायालय वह  न्यायालय होती है जहाँ पर विशेष मामलों की सुनवाई की जाती है जैसे एससी एसटी से जुड़े अपराध पॉक्सो के मामले में विशेष न्यायालय स्थापित होता है इसके अतिरिक्त संविधान में या कानून में जिन मामलों में की सुनवाई के लिए विशेष न्यायालय के गठन का प्रावधान होता है उस मामले में विशेष न्यायालय स्थापित किए जाते हैं|

ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि जो विशेष मामले होते हैं गंभीर होते हैं तो उनकी सुनवाई समय से की जा सके और जो न्यायालय होता है उसके ऊपर यानी की किसी एक न्यायालय के ऊपर अधिकतम बोझ भी ना बड़े लोकायुक्त ने भ्रष्टाचार के मामले में सुनवाई के लिए भी विशेष न्यायालय का गठन किया जाता है|

How cases move through the hierarchy of courts in India: appeal process

Hierarchy of courts in India explained with diagram and jurisdiction-एजेंसियों के न्यायालय

विभिन्न कानून प्रवर्तन एजेंसियां जैसे की सीबीआइ और एनआईए इनके भी अपने न्यायालय होते हैं और इन्हें भी सुनवाई करने का अधिकार होता है सीबीआइ और एनआईए के द्वारा रजिस्टर्ड किए गए मामलों की सुनवाई सीबीआइ कोर्ट और एनआईए कोर्ट के द्वारा की जाती है यह भी उसी प्रकार से सजा सुनाते हैं जैसे कि एक विशेष कोर्ट में ट्रायल होता है और ट्रायल के बाद सुनवाई की जाती है|

Comparison of Indian court hierarchy with US or UK judicial systems

Hierarchy of courts in India explained with diagram and jurisdiction-जुवेनाइल कोर्ट

18 वर्ष से कम आयु के बच्चे यानी की जिसमें कोई नाबालिग बच्चा अपराध करता है तो ऐसे मामलों की सुनवाई के लिए जुवेनाइल कोर्ट का गठन किया जाता है इसमें संघीय और असंख्य दोनों अपराधों की सुनवाई की जाती है और उन्हें कारावासित किया जाता है या जो भी विधि संगत व्यवस्था होती है वो किया जाता है सजा के तौर पर इन्हें बाल सुधार गृह में भेजा जाता है|

Indian judicial system hierarchy flowchart PDF download for law students

Hierarchy of courts in India explained with diagram and jurisdiction-किशोर न्याय बोर्ड

किशोर न्याय बोर्ड को भी सिविल कोर्ट की सख्ती प्राप्त होती है यहाँ नाबालिग बच्चों से संबंधित मामले या उनसे जुड़े अपराध के विषय में सुनवाई करने में न्यायालय की मदद करते हैं और खासतौर से बलात्कार जैसे मामलों में पीड़िता की काउंसलिंग भी करते हैं इसमें पीड़ित बच्चा भी हो सकता है|

Hierarchy of courts in India explained with diagram and jurisdiction-फैमिली कोर्ट या परिवार न्यायालय

फैमिली कोर्ट या परिवार न्यायालय ऐसे न्यायालय होते हैं जो कि पति और पत्नी के बीच में उत्पन्न हुए विवाद के विषय में सुनवाई करते हैं यहाँ पर विवाह पुनर्स्थापना एवं तलाक से जुड़े मामलों की सुनवाई होती है  पत्नी को पति के द्वारा दिए जाने वाले भरणपोषण मामले की सुनवाई भी इसी न्यायालय के द्वारा की जाती है और भरण पोषण की शर्तों को पूरा नहीं करने पर पत्नी को पति को जेल भी इसी न्यायालय के द्वारा भेजा जाता है कुल मिलाकर यह पति और पत्नी के बीच जो भी विवाद होता है उसका निराकरण या सुनवाई करता है|

Hierarchy of courts in India explained with diagram and jurisdiction-श्रम न्यायालय

श्रम न्यायालय जिन्हें लेबर कोर्ट के भी नाम से जाना जाता है यह ऐसे न्यायालय होते हैं जहाँ पर नियोक्ता एवं  कर्मचारी के बीच में उत्पन्न हुए विवाद को सुलझाया जाता है एवं उनका समाधान किया जाता है जैसे अगर किसी कंपनी ने किसी व्यक्ति को ऐसा कर्मचारी अपने कंपनी में नियुक्त किया और बाद में उसे बिना किसी को वाजिब कारण  के बर्खास्त कर दिया या सस्पेंड कर दिया या किसी भी प्रकार से उसके अधिकारों का उल्लंघन का उल्लंघन करती है तो उसकी सुनवाई श्रम न्यायालय में होती है यहाँ पर  श्रम कानूनों के प्रकाश में पूरी कार्यवाही चलती है जिसकी सुनवाई लेबर कमिश्नर करते हैं|

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