आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष जगन मोहन रेड्डी ने हाल ही में शराब घोटाले को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी प्रतिक्रिया दर्ज की है। उन्होंने घोटाले को “मनगढ़ंत कहानी” करार देते हुए कहा कि यह केवल मीडिया में तमाशा खड़ा करने और असली समस्याओं से जनता का ध्यान भटकाने के लिए गढ़ा गया है।
राजनीतिक साजिश का आरोप
जगन मोहन रेड्डी ने आरोपों को राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों की साजिश बताया है। उन्होंने कहा कि उनके और उनकी पार्टी के नेताओं के खिलाफ प्रशासन द्वारा दबाव, धमकी और प्रलोभन के जरिए बयान दर्ज कराए जा रहे हैं। उनका मानना है कि इन सबका मकसद केवल उनकी छवि को नुकसान पहुंचाना और सत्ता में बैठे लोगों पर लगे आरोपों से ध्यान हटाना है।
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जांच एजेंसियों की भूमिका
शराब घोटाले की जांच खास जांच टीम द्वारा की जा रही है। जांच रिपोर्ट में जगन मोहन रेड्डी का नाम घूसखोरी के कथित लाभार्थियों में बताया गया है, लेकिन फिलहाल कोई कानूनी आरोप उन पर नहीं लगाया गया है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 2019 से 2024 के बीच करोड़ों की रकम कई फर्जी कंपनियों और सहयोगियों के जरिए पहुंचाई गई। हालांकि, अदालत ने अभी तक इस जांच रिपोर्ट को औपचारिक मान्यता नहीं दी है।
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विपक्ष का जवाब
विपक्ष, खासतौर पर तेलुगू देशम पार्टी, ने जगन और उनकी पार्टी पर राज्य में शराब नीति के दुरुपयोग का जोरदार आरोप लगाया है। विपक्षी नेताओं का दावा है कि इस नीति के कारण गरीब परिवारों को बड़ा नुकसान हुआ। दूसरी तरफ, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी का कहना है कि वर्तमान सरकार पुराने शराब नेटवर्क को एक बार फिर सक्रिय करने की कोशिश कर रही है।
शराब नीति की पृष्ठभूमि
2019 के विधानसभा चुनाव में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने राज्य में शराबबंदी का वादा किया था। शुरुआती कुछ महीनों तक शराब की दुकानों की संख्या घटी भी, लेकिन आर्थिक दबाव की वजह से सरकार को अपनी नीति में बदलाव करना पड़ा। इसी विवादित शराब नीति को लेकर पिछले कुछ वर्षों में लगातार राजनीति गर्माई हुई है।