प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता को भरोसा दिलाया है कि भारत की अर्थव्यवस्था तेज़ी से आगे बढ़ रही है और जल्द ही भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में पहचाना जाएगा। उनका कहना है कि देश में हो रहे व्यापक आर्थिक सुधार और विकासशील नीतियों के चलते यह लक्ष्य अब बहुत दूर नहीं है।
देश की अर्थव्यवस्था की तेज़ रफ्तार
पिछले कुछ वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था ने उल्लेखनीय गति पकड़ी है। विभिन्न रिपोर्टों और सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत की GDP दर 6 से 7 प्रतिशत के आसपास बनी हुई है। रिजर्व बैंक सहित कई अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने भी भारत की ग्रोथ की सराहना की है। इससे उत्पादन, सेवाएं, कृषि समेत सभी क्षेत्रों में तेजी देखी जा रही है, जिससे भारत वैश्विक बाजार में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कर रहा है।
SBI UPI service- जानिए 22 जुलाई को क्यों बंद रहेगी SBI की UPI सुविधा!
सरकारी योजनाओं की अहम भूमिका
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में बताया कि सरकार द्वारा चलाई जा रहीं योजनाएँ जैसे “मेक इन इंडिया” और “डिजिटल इंडिया” ने रोजगार और उद्यमिता को बढ़ावा दिया है। नए स्टार्टअप्स, निवेशकों के लिए परिवेश को बेहतर बनाना तथा छोटे उद्योगों को सहारा देना भारत की आर्थिक प्रगति में अहम साबित हो रहा है। इन्फ्रास्ट्रक्चर की दिशा में भी सड़क, रेलवे, हवाई अड्डे और डिजिटल व्यवस्था को मजबूत किया गया है।
वैश्विक मंच पर भारत की पहचान
भारत की आर्थिक मजबूती अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साफ दिख रही है। निर्यात में बढ़ोतरी, विदेशी निवेश की आमद और स्टार्टअप कल्चर के प्रोत्साहन से भारत की छवि एक उभरती वैश्विक ताकत के तौर पर बनी है। प्रधानमंत्री ने देश के युवाओं और किसानों को देश के इकोनॉमिक इंजन की असली ताकत बताया। उन्होंने कहा कि नवाचार, मेहनत और आत्मविश्वास से भारत 21वीं सदी में आर्थिक मुकाम हासिल करने के लिए तैयार है।
Anthem Biosciences IPO- एंथम के शेयर बाजार में ज़ोरदार शुरुआत, ग्राहकों को निवेश में फायदा!
सामाजिक विकास और अवसर
प्रधानमंत्री ने उन योजनाओं का भी उल्लेख किया जिनसे आम नागरिक का जीवन स्तर ऊपर उठा है। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, स्वच्छता, जलापूर्ति और बिजली जैसी योजनाओं का लाभ सीधे तौर पर करोड़ों लोगों तक पहुंचा है। इससे न सिर्फ सामाजिक कल्याण में सुधार आया है, बल्कि देश की आर्थिक गतिविधियों में भी उल्लेखनीय तेजी आई है। भारत की युवा पीढ़ी, नये व्यवसाय और तकनिकी नवाचार इस आर्थिक शक्ति का सार बनते जा रहे हैं।