New income tax bill 2025- इनकम टेक्स पर नये बिल की मंजूरी, टेक्स पेयर को मिलेगा राहत!

केंद्र सरकार ने देश के टैक्स सिस्टम को और अधिक सरल, पारदर्शी और आमजन के अनुकूल बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए नया इनकम टैक्स बिल तैयार कर लिया है। शुक्रवार, 7 फरवरी 2025 को होने वाली कैबिनेट की बैठक में इस महत्वपूर्ण बिल को स्वीकृति मिलने की प्रबल संभावना है। वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ सूत्रों के अनुसार, यह बिल देशभर के इनकम टैक्स दाताओं की वर्षों पुरानी मांगों और टैक्स व्यवस्था में पारदर्शिता की जरूरत को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है।

सरकार की मंशा इस बिल के जरिए टैक्स का बोझ घटाने, कॉम्प्लेक्स कैलकुलेशन को आसान बनाने और अनुपालन प्रक्रिया को सरल बनाने की है। सूत्रों की मानें तो नए आयकर कानून में मौजूदा कटौतियों, छूटों और स्लैब सिस्टम को री-स्टруктर किया जा सकता है, जिससे टैक्स फाइलिंग प्रक्रिया तेज और सुलभ हो जाएगी। आम करदाताओं और छोटे व्यवसायियों को विशेष राहत देने वाले प्रावधान भी इसमें शामिल किए जाने की संभावना है।

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पुराने कानून में बदलाव की ज़रूरत क्यों?

मौजूदा इनकम टैक्स ऐक्ट 1961 पर लंबे समय से यह आरोप रहता आया है कि यह अत्यधिक जटिल, तकनीकी और देश के मौजूदा आर्थिक परिवेश से मेल नहीं खाता। टैक्सपेयर्स और गणना करने वाले अधिकारियों, दोनों के लिए यह प्रक्रिया भारी पड़ती थी। तकनीकी भूमिका और डिजिटल ट्रांजेक्शन के बढ़ते चलन को देखते हुए, नया बिल डिजिटल इंडिया की संकल्पना को और गति देने वाला माना जा रहा है।

पारदर्शिता और डिजिटल ट्रैकिंग पर ध्यान

नई टैक्स व्यवस्था में टेक्नोलॉजी का ज्यादा इस्तेमाल, ई-असेसमेंट और डिजिटल ट्रैकिंग को अनिवार्य किया जा सकता है। विभिन्न मंत्रालयों की आपसी इलेक्ट्रॉनिक डाटा शेयरिंग से टैक्स चोरी पर अंकुश लगेगा और टैक्स रिटर्न की स्क्रूटिनी तेज और निष्पक्ष होगी। सरकार ने बिल में प्रक्रिया को अधिक यूजर-फ्रेंडली बनाने और हिसाब किताब को व्यवस्थित करने पर फोकस किया है।

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विशेषज्ञों और इंडस्ट्री की प्रतिक्रियाएँ

टैक्स विशेषज्ञों, कारोबारियों और टैक्स प्रोफेशनल्स ने सरकार के इस प्रयास की सराहना की है। उनका कहना है कि नया बिल करदाताओं की संख्या में इजाफा, टैक्स बेस का विस्तार और राजस्व में पारदर्शिता लाने में महत्वपूर्ण साबित होगा। व्यापार जगत को उम्मीद है कि इससे कॉर्पोरेट टैक्स संबंधी पेचीदगियाँ दूर होंगी और विदेशी निवेशकों के लिए भी भारत एक भरोसेमंद गंतव्य बनेगा।

नए प्रावधानों की सम्भावित विशेषताएँ

जानकारों के अनुसार, नए इनकम टैक्स बिल में स्लैब दरों को तर्कसंगत बनाने, इंवेस्टमेंट तथा रिटायरमेंट संबंधित छूटों को सरल करने, आय की विभिन्न श्रेणियों के हिसाब से विशेष प्रावधान लाने जैसी संभावनाएँ देखी जा रही हैं। महिला, वरिष्ठ नागरिक और स्टार्टअप्स को भी राहत देने वाले प्रावधान शामिल हो सकते हैं।

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