Impact of US Iran conflict on crude oil prices-अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर किए गए सैन्य हमले ने वैश्विक स्तर पर चिंता की लहर दौड़ा दी है। इस घटना के बाद न सिर्फ क्षेत्रीय सुरक्षा पर सवाल उठे हैं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी हलचल मच गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तनाव का सबसे बड़ा असर कच्चे तेल की कीमतों पर पड़ सकता है, जो पहले ही इस महीने लगभग 20 प्रतिशत तक बढ़ चुकी हैं।
Impact of US Iran conflict on crude oil prices-तेल बाजार में हलचल
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड फ्यूचर्स हाल ही में लगभग 77 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर पहुंच गया है। अब, अमेरिका के मध्य पूर्व संघर्ष में हस्तक्षेप करने के बाद, तेल बाजार में एक और उछाल की संभावना जताई जा रही है। निवेशकों और व्यापारियों के बीच असमंजस की स्थिति है कि आने वाले दिनों में तेल की कीमतें और कितनी बढ़ सकती हैं।
Impact of US Iran conflict on crude oil prices-तेल आपूर्ति पर संकट के बादल
माना जा रहा है कि यदि मध्य पूर्व में संघर्ष और गहराता है, तो सऊदी अरब, इराक, कुवैत और यूएई जैसे प्रमुख तेल उत्पादक देशों से आपूर्ति बाधित हो सकती है। इससे वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की उपलब्धता पर सीधा असर पड़ेगा। विशेषज्ञों के अनुसार, यदि आपूर्ति में कमी आती है, तो कीमतों में भारी उछाल आ सकता है, जिससे कई देशों की अर्थव्यवस्था पर दबाव बढ़ेगा।
Impact of US Iran conflict on crude oil prices-शिपिंग मार्गों पर खतरा
ईरान, जो प्रतिदिन लगभग 3.3 मिलियन बैरल कच्चा तेल उत्पादित करता है और 1.5 मिलियन बैरल निर्यात करता है, होर्मुज स्ट्रेट के उत्तरी किनारे पर स्थित है। यह जलडमरूमध्य दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण तेल शिपिंग मार्गों में से एक है, जिसके जरिए हर दिन 20 मिलियन बैरल से अधिक कच्चे तेल का व्यापार होता है। यदि इस मार्ग में कोई बाधा आती है या ईरान इसे बंद करने की धमकी पर अमल करता है, तो वैश्विक तेल आपूर्ति को बड़ा झटका लग सकता है।

Impact of US Iran conflict on crude oil prices-हूती विद्रोहियों की चेतावनी
मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव के बीच हूती विद्रोहियों ने भी चेतावनी दी है कि यदि अमेरिका ने ईरान पर हमला किया तो वे तेल टैंकरों और जहाजों पर अपने हमले फिर से शुरू कर सकते हैं। इससे शिपिंग कंपनियों की चिंता और बढ़ गई है, क्योंकि ऐसे हमले न केवल तेल आपूर्ति को बाधित कर सकते हैं, बल्कि बीमा लागत और शिपिंग शुल्क में भी भारी वृद्धि ला सकते हैं।
Impact of US Iran conflict on crude oil prices-भारत पर सीधा असर
भारत अपनी कच्चे तेल की जरूरत का लगभग 85 प्रतिशत आयात करता है। ऐसे में तेल की कीमतों में तेजी से देश के तेल आयात बिल में भारी वृद्धि हो सकती है। इससे घरेलू स्तर पर पेट्रोल-डीजल और अन्य पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतें बढ़ने की संभावना है। महंगाई दर में इजाफा हो सकता है, जिससे आम जनता की जेब पर सीधा असर पड़ेगा। साथ ही, विदेशी मुद्रा भंडार पर दबाव बढ़ सकता है और अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपए में कमजोरी आ सकती है।
Impact of US Iran conflict on crude oil prices-चीन की भूमिका और वैश्विक समीकरण
ईरान के कच्चे तेल के निर्यात में चीन की हिस्सेदारी लगभग 80 प्रतिशत है। यदि ईरान पर प्रतिबंध या आपूर्ति में बाधा आती है, तो चीन की ऊर्जा सुरक्षा भी प्रभावित हो सकती है। इससे वैश्विक तेल बाजार में और अस्थिरता आ सकती है, क्योंकि चीन दुनिया का सबसे बड़ा तेल उपभोक्ता है।

Impact of US Iran conflict on crude oil prices-भविष्य की चिंता
अगर मध्य पूर्व में तनाव और बढ़ता है और तेल आपूर्ति बाधित होती है, तो इससे न केवल तेल उत्पादक देशों की अर्थव्यवस्था प्रभावित होगी, बल्कि वैश्विक आर्थिक विकास भी धीमा पड़ सकता है। महंगाई दर बढ़ने से विकासशील देशों के लिए आर्थिक चुनौतियां और गहरा सकती हैं।
Impact of US Iran conflict on crude oil prices-सावधानी और रणनीति की जरूरत
विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे हालात में भारत समेत सभी तेल आयातक देशों को अपनी ऊर्जा नीति पर पुनर्विचार करना चाहिए। वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा देना, रणनीतिक तेल भंडार तैयार रखना और अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाना समय की मांग है। साथ ही, बाजार की स्थिति पर लगातार नजर रखना और आवश्यकतानुसार नीति में बदलाव करना भी जरूरी है।
Impact of US Iran conflict on crude oil prices-तेल की राजनीति और आम आदमी
मध्य पूर्व में जारी तनाव ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि कच्चे तेल की राजनीति केवल सरकारों और कंपनियों तक सीमित नहीं रहती, बल्कि इसका असर हर आम नागरिक की जिंदगी पर पड़ता है। आने वाले दिनों में तेल की कीमतों में होने वाला उतार-चढ़ाव न केवल अर्थव्यवस्था, बल्कि आम आदमी के बजट को भी प्रभावित करेगा।