कांग्रेस की प्रमुख नेत्री डॉ. रश्मि पटेल ने सरकार पर किसानों और आम जनता की आवाज़ दबाने का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सरकार अब अपनी गलत नीतियों और असंवेदनशीलता के कारण किसानों को खाद तक उचित मात्रा में उपलब्ध नहीं करा पा रही है, जिससे लोग गहरे संकट में हैं। डॉ. पटेल ने यह भी बताया कि जब विपक्ष इस गंभीर मसले पर सवाल उठाता है तो सरकार पुलिस का इस्तेमाल कर शांतिपूर्ण आवाजों को दबाने में लगी रहती है।
खाद की कमी से किसान परेशान
डॉ. रश्मि पटेल ने agrarian crisis से जुड़े हालिया आंकड़ों को संदर्भित करते हुए कहा कि खाद की कमी ने खेती को प्रभावित किया है। किसानों को उर्वरक समय पर और उचित मूल्य पर नहीं मिलने के कारण फसल उत्पादन कम हो रहा है, जिससे उनकी आय में गिरावट आई है। इसके चलते किसान अपनी जरूरतें पूरी करने में असमर्थ हो रहे हैं और उनका आर्थिक संकट दिन-ब-दिन गहरा रहा है।
विपक्ष की आवाज़ दबाने की नीतियां
कांग्रेस नेता ने कहा कि विपक्ष की ओर से सरकार से सवाल पूछना लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा है, लेकिन सरकार इस प्रक्रिया को स्वीकार करने से इनकार कर रही है। सरकार ने सार्वजनिक प्रदर्शन और विरोधों के दौरान पुलिस बल का उपयोग कर विपक्ष और किसानों की आवाज़ दबाने का तरीका अपनाया है, जो एक स्वास्थ्यपूर्ण लोकतंत्र के लिए खतरनाक है।http://Indian Air Force Rafale fighter jet- भारतीय वायुसेना की बढ़ेगी ताकत,114 लड़ाकू विमान जल्द आने की संभावना,
किसानों की मांगें और उनकी स्थिति
डॉ. पटेल ने किसानों की बढ़ती नाराजगी की बात करते हुए कहा कि वे अपनी मुख्य मांगों पर सरकार से उचित ध्यान चाहते हैं। खाद और कृषि संसाधनों की उपलब्धता, फसलों के उचित दाम, और कर्ज माफी जैसी मांगें अब तेजी से उठ रही हैं। किसान लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं ताकि सरकार उनकी समस्याओं को गंभीरता से सुने।