बिहार के 21 जिलों में नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जाने हैं। राज्य सरकार ने इनमें से अधिकांश भूमि ग्रामीण तथा अर्ध-शहरी क्षेत्रों में चिह्नित की है। कुल चिन्हित क्षेत्रफल में 18,059 एकड़ रैयती भूमि और 3,162 एकड़ सरकारी भूमि है। उद्योग विभाग को प्राथमिक चरण में 457 एकड़ भूमि हस्तांतरित भी की जा चुकी है। इससे संबंधित प्रक्रिया में गति बढ़ी है और इन जिलों में जल्दी काम शुरू होने की उम्मीद है।
इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप
राज्य सरकार ने 12 जिलों में आधुनिक औद्योगिक टाउनशिप विकसित करने की भी योजना बनाई है। इनमें उद्योगों के साथ-साथ श्रमिकों के लिए आवास, 24 घंटे बिजली-पानी, शिक्षा संस्थान, अस्पताल और शॉपिंग सेंटर जैसी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। योजनानुसार कुल क्षेत्र का 40 प्रतिशत हिस्सा हरित पट्टी के रूप में सुरक्षित रखा जाएगा, जिससे पर्यावरण की रक्षा की जा सकेगी।
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रोजगार के बढ़ते अवसर
औद्योगिक विस्तार के चलते आगामी वर्षों में राज्य के लाखों युवाओं को रोजगार प्राप्त होने की संभावना है। उद्योग विभाग का कहना है कि नए और स्थापित होने वाले उद्योगों में अकुशल, अर्ध-कुशल और कुशल श्रमिकों की आवश्यकता होगी। इससे प्रदेश के स्थानीय कारोबारों और सप्लाई चेन को भी मजबूती मिलेगी।
बिहार को औद्योगिक केंद्र बनाने का प्रयास
सरकार का लक्ष्य है कि बिहार सिर्फ कृषि ही नहीं, बल्कि औद्योगिक और विनिर्माण के क्षेत्र में भी अग्रणी राज्य बने। सारण के अमनौर में 100 एकड़ भूमि पर फार्मास्यूटिकल पार्क स्थापित करने की योजना है। गया के डोभी में अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक गलियारे के तहत विनिर्माण इकाई का काम भी तेज़ी से हो रहा है, जिससे भविष्य में राज्य को औद्योगिक केंद्र के रूप में सशक्त बनाने में मदद मिलेगी।