प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मध्य प्रदेश के पूर्व कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) अधिकारी श्यामलाल अखंड और उनके परिवार की 50 लाख रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की है। यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत की गई है, जिसमें अधिकारी पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने और रिश्वतखोरी के गंभीर आरोप लगे हैं।
Money laundering EPFO official in MP- 10 साल में ज्यादा संपत्ति का आरोप
जांच एजेंसी के अनुसार, श्यामलाल अखंड ने 2009 से 2019 के बीच अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अपनी ज्ञात वैध आय से कहीं अधिक संपत्ति जमा की। जांच में सामने आया कि उन्होंने भ्रष्टाचार और रिश्वत के जरिए अवैध रूप से धन अर्जित किया और इस पैसे का इस्तेमाल अपने, पत्नी और बेटे के नाम पर अचल संपत्तियां खरीदने में किया।
संपत्तियों की कुर्की और बैंक खातों में नकदी
ईडी ने उज्जैन जिले के नलवा गांव में स्थित कृषि भूमि, जो अखंड की पत्नी और बेटे के नाम पर है, और इंदौर के जख्या गांव के एमराल्ड सिटी में स्थित आवासीय प्लॉट, जो अखंड के नाम पर है, को कुर्क किया है। इन संपत्तियों का कुल मूल्य 50 लाख 80 हजार रुपये आंका गया है। साथ ही, जांच में परिवार के कई बैंक खातों में बड़ी मात्रा में नकदी जमा भी पाई गई।
Money laundering EPFO official in MP- आय के स्रोतों पर उठे सवाल
अखंड ने अपनी आय के स्रोत के रूप में वेतन, किराए, कृषि आय और पत्नी के कढ़ाई-सिलाई व्यवसाय का हवाला दिया, लेकिन जांच एजेंसी के अनुसार वह अपनी पत्नी के व्यवसाय का कोई दस्तावेजी प्रमाण नहीं दे सके। जांच में यह भी पाया गया कि उनकी घोषित आय के मुकाबले संपत्ति और बैंक खातों में जमा राशि कहीं अधिक थी।
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सीबीआई की एफआईआर के बाद ईडी का एक्शन
श्यामलाल अखंड के खिलाफ सीबीआई ने दो एफआईआर दर्ज की थीं—एक रिश्वत लेने और दूसरी आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में। इन्हीं एफआईआर के आधार पर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की और संपत्तियों को कुर्क करने की कार्रवाई की।