NFSA ration card scheme in India- राशन से कटेगा आपका भी नाम? केन्द्रों ने भेजी राज्यों को 1.17 करोड़ लोगो की लिस्ट!

देशभर में चल रही खाद्य सुरक्षा योजना के तहत अब तक कुल 19.17 करोड़ राशन कार्ड जारी किए जा चुके हैं। यह आंकड़ा यह दर्शाता है कि सरकार ने सुनिश्चित किया है कि जरूरतमंद परिवारों तक पोषण और खाद्यान्न की आपूर्ति सुचारू रूप से पहुंचती रहे। ये राशन कार्ड उन लाभार्थियों को प्रदान किए जाते हैं जो आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से आते हैं और जिनके लिए यह योजना बड़ी राहत का काम करती है।

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योजना के अंतर्गत कुल 76.10 करोड़ लाभार्थी देशभर में शामिल हैं

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत देश में कुल 76.10 करोड़ लाभार्थी इस योजना का हिस्सा हैं। इसका मतलब यह है कि लगभग हर भारतीय परिवार को इस योजना के जरिए अनाज, खाद्यान्न, दाल, और अन्य जरूरी सामग्री कम दामों पर मिल रही है। यह आंकड़ा योजना की व्यापक पहुंच और प्रभाव को उजागर करता है, जिससे लाखों परिवारों के खाने-पीने की स्थिति में सुधार हुआ है।

सरकार की प्राथमिकता में खाद्य सुरक्षा का महत्व

भारतीय सरकार ने खाद्य सुरक्षा को अपनी प्राथमिकता में शामिल किया है, जिससे देश के भूख और कुपोषण से जूझ रहे परिवारों को राहत मिल सके। इस अधिनियम का उद्देश्य “हर घर, हर व्यक्ति तक पौष्टिक भोजन” की उपलब्धता सुनिश्चित करना है ताकि किसी भी आर्थिक परिस्थिति के कारण किसी को भूखा न रहना पड़े। सरकार विभिन्न राज्यों के साथ मिलकर इस योजना का सफल क्रियान्वयन कर रही है।

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राशन कार्ड वितरण में डिजिटल तकनीक का योगदान

राशन कार्ड वितरण में भारत सरकार ने डिजिटल तकनीकों को अपनाया है। इससे लाभार्थियों की पहचान और पात्रता की जांच में पारदर्शिता आई है। डिजिटल प्रणाली द्वारा राशन कार्ड बनाना, ट्रैक करना और जरूरी संसाधन प्रदान करना अब अधिक सरल और कुशल हो गया है। इससे भी लाभार्थियों तक खाद्यान्न का वितरण समय पर होता है और भ्रष्टाचार की संभावना कम होती है।

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