मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि जिन लोगों से संबंधित दस्तावेज उपायुक्त को मिले हैं, उनकी जाँच 10 दिनों के भीतर की जाएगी। अगर इस अवधि में दस्तावेजों से उपायुक्त संतुष्ट नहीं होता है तो वह तत्काल निकासी आदेश जारी करेगा। इसका तात्पर्य यह है कि निर्धारित समय में पूरी जांच और सत्यापन पूरा होगा और जिन लोगों के मामलों में संशय रहेगा, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
निकासी आदेश के बाद होगी हिरासत केंद्र में रखवाली
अगर उपायुक्त को भेजे गए दस्तावेजों से संतुष्टि नहीं होती है तो निकासी आदेश जारी होकर संबंधित व्यक्ति को हिरासत केंद्र में स्थानांतरित कर दिया जाएगा। यह केंद्र विशेष रूप से बनाए गए हैं जहां हिरासत में लिए गए लोगों को रखा जाएगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि जांच प्रक्रिया पूरी होने तक व्यक्ति कानूनी रूप से नियंत्रित रह सके।
हिरासत केंद्र से भेजा जाएगा सीमा सुरक्षा बल के माध्यम से बांग्लादेश या पाकिस्तान
हिरासत में लिए गए व्यक्तियों को सीमा सुरक्षा बल (BSF) के माध्यम से उनके देश बांग्लादेश या पाकिस्तान भेजा जाएगा। यह कार्रवाई भारत की विदेश नीति और सुरक्षा मानकों के तहत की जा रही है। BSF इस प्रक्रिया में अहम भूमिका निभाएगी, ताकि अवैध प्रवासियों को उनकी मूल भूमि तक लौटाया जा सके।