मध्य प्रदेश के लोक निर्माण विभाग (PWD) मंत्री राकेश सिंह के हालिया बयान ने प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी है। पत्रकारों द्वारा सड़कों पर गड्ढों को लेकर सवाल पूछे जाने पर मंत्री ने कहा, “जब तक सड़कें रहेंगी, तब तक गड्ढे होते रहेंगे।” उन्होंने कहा कि दुनिया में ऐसी कोई सड़क नहीं है, जिसमें गड्ढा न हो। बारिश और ट्रैफिक के चलते हर राज्य की सड़कों पर गड्ढे बनते हैं और फिलहाल ऐसी कोई तकनीक नहीं है जिससे सड़कों को पूरी तरह गड्ढा-मुक्त बनाया जा सके।
सड़क निर्माण में गुणवत्ता और तकनीकी सीमाएं
राकेश सिंह ने यह भी स्पष्ट किया कि सड़कें चार साल तक खराब नहीं होनी चाहिए, लेकिन यदि कोई सड़क छह महीने में ही टूटने लगे तो यह गलत है और ऐसे मामलों में विभाग कार्रवाई करता है। मंत्री ने बताया कि सड़क निर्माण में गुणवत्ता को लेकर लगातार सुधार किए जा रहे हैं। अब सड़कों के निर्माण में इस्तेमाल होने वाले बिटुमिन की खरीद केवल सरकारी कंपनियों से की जाएगी और उसकी आपूर्ति डिजिटल लॉक सिस्टम के जरिए होगी, जिससे गुणवत्ता पर निगरानी रखी जा सके।
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सोशल मीडिया पर शिकायतों और बजट की सीमाएं
हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हुई एक सड़क की शिकायत पर मंत्री ने कहा कि विभाग के पास इतना बजट नहीं है कि किसी की एक पोस्ट पर तुरंत सड़क बना दी जाए। उन्होंने कहा कि विभाग की अपनी सीमाएं होती हैं और हर सड़क की मरम्मत या निर्माण के लिए नियोजित प्रक्रिया और प्राथमिकता तय होती है।
PWD minister Rakesh Singh- विपक्ष का हमला और जनता की नाराजगी
मंत्री के बयान पर विपक्षी दलों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस नेता सज्जन वर्मा ने कहा कि जब तक भ्रष्टाचार रहेगा, तब तक गड्ढे भी बने रहेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की कथनी और करनी में अंतर है और सड़कें अमेरिका से बेहतर बताने वाले नेता अब गड्ढों को नियति बता रहे हैं। विपक्ष ने सरकार से सड़क निर्माण में पारदर्शिता और गुणवत्ता की मांग की है।
सड़क सुरक्षा और विभाग की जवाबदेही
मंत्री राकेश सिंह ने माना कि सड़क की गुणवत्ता पर ध्यान देना जरूरी है और विभाग इस दिशा में लगातार काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि यदि कोई सड़क तय समय से पहले खराब होती है, तो उसकी जांच कर संबंधित ठेकेदार या जिम्मेदार अधिकारी पर कार्रवाई की जाती है। विभाग ने सड़क निर्माण में पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए कई नई व्यवस्थाएं लागू की हैं।