मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के बिजावर कस्बे में राजा तालाब की सफाई के दौरान शनिवार को सैकड़ों वोटर आईडी कार्ड तैरते हुए पाए गए। स्थानीय सफाईकर्मियों ने तालाब में तैरते हुए बैग को देखा और उसे बाहर निकाला, जिसमें लगभग 400-500 असली वोटर कार्ड भरे हुए थे। ये सभी कार्ड वार्ड संख्या 15 के थे। इस घटना ने इलाके में सनसनी फैला दी और प्रशासनिक जांच शुरू करने के आदेश दिए गए।
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वोटर कार्डों की असलियत और वितरण की चिंता
अधिकारियों ने पुष्टि की कि ये सभी वोटर आईडी कार्ड असली हैं और स्थानीय लोगों का दावा है कि ये कार्ड उन नागरिकों तक कभी नहीं पहुंचे जिन्हें इन्हें मिलने का हक था। यह बात सामने आने के बाद लोगों में गहरा आक्रोश और सवाल उठने लगे कि इतने सारे वोटर कार्ड अचानक तालाब में कैसे पहुंच गए। घटना ने वोटर सूची की पारदर्शिता और चुनाव प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर प्रश्न चिह्न लगा दिया है।
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राजनीतिक दलों की तीखी प्रतिक्रिया
इस मामले ने राजनीतिक माहौल को गर्मा दिया है। कांग्रेस के प्रदेश नेता दीप्ति पांडे ने इसे राहुल गांधी के ‘वोट चोर गद्दी छोड़’ अभियान से जोड़ते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है। कांग्रेस जिला अध्यक्ष गगन यादव ने चुनाव आयोग से स्पष्टता मांगी है और चेतावनी दी है कि अगर उचित कार्रवाई नहीं हुई तो कांग्रेस आंदोलन करेगी। इसके साथ ही समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मनोज यादव ने भी अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग से जवाब मांगा है कि क्या यह वोटर कार्ड चोरी से संबंधित हैं या फर्जी वोट बनाए गए थे।