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आतंकी फन्डिंग के आरोपी राशीद ने जेल में बैठ कर कश्मीर के धुरंधर नेता को भारी मतों से हराया 

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नई दिल्ली -आतंकवादियों को फंडिंग करने के आरोप में जेल में बंद एक नेता के द्वारा कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला जो कि एक कद्दावर नेता माने जाते हैं उनको धूल चटा दी गई है यानी की हरा दिया गया है जम्मू कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेशों के कुल 6 लोग सभा सीटों पर वोटों की गिनती अभी भी जारी है लेकिन परिणाम चौंकाने वाले हैं  दिलचस्प बात यह रही कि बारामूला लोकसभा सीट पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के बड़े नेता उमर अब्दुल्ला बुरी तरह से चुनाव हार रहे हैं वो अभी जेल में बैठे इंजीनियर जो कि खुद को इंजीनियर राशिद कहता है और वह निर्दलीय उम्मीदवार हैं उससे हार चुके हैं|

 उमर अब्दुल्ला ने एक्स पर पोस्ट करते हुए क्या कहा

खुद उमर अब्दुल्ला इस जीत से आश्चर्यचकित हैं उन्होंने एक्स पर पोस्ट करते हुए इंजीनियर राशिद को बधाई दी और लिखा है “जो हो रहा है उसे स्वीकारने का समय है नॉर्थ कश्मीर में जीत के लिए इंजीनियर राशिद को बधाई मुझे नहीं लगता कि उनकी जीत उन्हें जेल से बाहर ला सकेगी ना ही  उत्तर कश्मीर के लोगों को उनका प्रतिनिधि मिल सकेगा जो की उनका अधिकार भी है लेकिन वोटर्स ने अपना पक्ष दिखा दिया लोकतंत्र में यही मायने रखता है”

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कश्मीर के धुरंधर नेता को हराया 

इंजीनियर राशिद एक ऐसा कैंडिडेट हैं जिसके बारे में आपने शायद ही सुना होगा उसने कश्मीर के धुरंधर वरीष्ठ और प्रभावशाली नेता को हरा दिया यह काफी आश्चर्यचकित कर देने वाली बात है इंजीनियर अब्दुल राशीद पहले भी वहाँ से दो बार विधायक रह चूके हैं हालांकि पिछले पांच सालों में वह अनलॉफुल ऐक्टिविटी प्रिवेंशन एक्ट(Unlawful Activities Prevention Act)के आरोप में तिहाड़ जेल में सजा काट रहे हैं राशिद आवामी इतिहाद पार्टी से उम्मीदवार हुआ करते थे लेकिन इस चुनाव में वह निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरे थे 2019 के आम चुनाव में भी वे इंडिपेंडेन्ट दावेदार थे लेकिन नेशनल कॉन्फ्रेंस के मोहम्मद अकबर लोन से चुनाव हार गए थे|

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इंजीनियर राशिद पर कब लगे थे आरोप

इंजीनियर अब्दुल रशीद को 2019 में राष्ट्रीय जांच एजेंसी(NIA) के द्वारा आतंकवादियों को  फंड उपलब्ध करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया था भारत के इतिहास में या एक पहले नेता थे जिनपर आतंकी गतिविधियों में लिप्त रहने का आरोप लगा फिलहाल वह जेल में हैं|

जेल से कैसे पाई  चुनाव में जीत

अब आपके मन में जो एक महत्वपूर्ण सवाल है वो उठ रहा होगा वह यह है  कि अब्दुल राशिद जब तिहाड़ में थे तब उन्होंने चुनाव कैसे लड़ा और कैसे जीत हाँसील  की बताते चलें कि जमीन पर जो लोग उन्हें जानते थे उन्होंने उनका चुनाव प्रचार-प्रसार किया ये काम उनके दो बेटों के द्वारा किया गया अपने पिता के पक्ष में वोट देने की अपील करते नजर आए और जिसका फायदा उन्हें चुनाव में भी हुआ लेकिन आश्चर्य इस बात का है कि इतने गंभीर आरोपको झेल रहे लोग भी अब संसद पहुँचेंगे|

डॉ. चिरंजीवी प्रताप सिंह चौहान

कंटेंट राइटिंग में 6 साल का अनुभव है अर्थशास्त्र, तकनीकी, ऑटोमोबाइल, इंश्योरेंस पॉलिसी के विषय में व्यापक स्तर पर पकड़ रखते हैं।

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