Suspension of Panchayat officer for attending RSS event Karnataka- कर्नाटक के ग्रामीण विकास और पंचायत राज मंत्री प्रियंक खरगे ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को पत्र लिखकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यक्रमों में भाग लेने वाले सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उनके अनुसार कर्नाटक सिविल सेवा (आचरण) नियम, 2021 के नियम 5(1) के तहत सरकारी कर्मचारियों को किसी भी राजनीतिक दल या संगठन की गतिविधियों में शामिल होना, उसमें समर्थन देना या उससे संबंध रखना प्रतिबंधित है। इसके बावजूद कई अधिकारियों को आरएसएस की गतिविधियों में भाग लेते देखा गया है, जो नियमों का उल्लंघन है। इससे यह साफ हो जाएगा कि सरकारी क्षेत्र के कर्मियों के लिए आरएसएस जैसी संगठनों में शामिल होना पूरी तरह से निषेध है।http://Lenovo Laptop पर धमाकेदार ऑफर, पावरफुल प्रोसेसर और प्रीमियम डिज़ाइन के साथ
आरएसएस गतिविधि प्रतिबंध
प्रियंक खरगे पहले भी इस मामले में सक्रिय रहे हैं और उन्होंने पहले ही मुख्यमंत्री को सरकारी स्कूलों, कॉलेजों और सरकारी मंदिरों में आरएसएस की शाखाओं और कार्यक्रमों को आयोजित करने पर रोक लगाने की मांग की थी। उन्होंने आरएसएस पर युवाओं के “ब्रेनवॉश” करने और संविधान-विरोधी विचारधारा को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए इसका विरोध किया था।
केंद्रीय नियमों का हवाला देते हुए कार्रवाई की मांग
प्रियांक खरगे ने अपने पत्र में कर्नाटक सिविल सेवा (आचरण) नियम, 2021 के नियम 5(1) का हवाला देते हुए स्पष्ट किया कि सरकारी कर्मचारी राजनीतिक दलों या संगठनों का हिस्सा नहीं हो सकते, न ही ऐसे राजनीतिक गतिविधियों में हिस्सा ले सकते हैं। इससे यह संदेश जाएगा कि सरकारी कर्मचारियों की भूमिका पूरी तरह निष्पक्ष और निष्पादित सरकारी नियमों के अनुरूप होनी चाहिए।
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कार्यक्रमों में भाग लेने पर सस्पेंशन भी
मंत्री प्रियांक खरगे ने यह भी बताया है कि उनके विभाग के कुछ अधिकारियों ने आरएसएस के शताब्दी समारोह में भाग लिया था, जिसके खिलाफ उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी करके 2 से 3 दिनों में निलंबित भी किया जा सकता है। यह कदम उन अधिकारियों के खिलाफ सख्ती का संकेत है जो नियमों की अवहेलना करते हैं। यह पहली बार नहीं है जब ऐसे सख्त कदम उठाए गए हों; इससे पहले भी पिछले वर्षों में कर्नाटक में सरकारी संस्थानों में राजनीतिक गतिविधियों की अनुमति पर पाबंदी लगाई गई थी।



