मौसम विभाग ने मध्य प्रदेश के लिए अगले 24 घंटे बेहद महत्वपूर्ण बताए हैं। विभाग ने प्रदेश के कई जिलों में गरज-चमक के साथ भारी से अति भारी बारिश का रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। मानसून के सक्रिय होने के कारण पिछले कुछ दिनों से कई इलाकों में लगातार बारिश हो रही है। मौसम विभाग के अनुसार, इस दौरान तेज हवाएं भी चल सकती हैं, जिससे जनजीवन प्रभावित होने की आशंका है।
किन जिलों में सबसे ज्यादा खतरा
मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, मंदसौर, नीमच, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी और श्योपुरकलां जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है। इन जिलों में अगले 24 घंटे में भारी से बहुत भारी बारिश के साथ वज्रपात और तेज हवाओं की संभावना जताई गई है। इसके अलावा, विदिशा, राजगढ़, आगर मालवा, भोपाल, नर्मदापुरम, बैतूल, रतलाम, झाबुआ, धार, खंडवा, हरदा और बुरहानपुर समेत कई जिलों में ऑरेंज अलर्ट घोषित किया गया है। इन जिलों में नदियों और नालों के उफान पर आने की आशंका है, जिससे बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।
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प्रशासन की तैयारियां और नागरिकों के लिए सलाह
प्रशासन ने अलर्ट के मद्देनजर सभी संबंधित विभागों को सतर्क कर दिया है। जिला प्रशासन ने निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने और जरूरत पड़ने पर सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है। आपदा प्रबंधन दलों को तैनात किया गया है और राहत-बचाव सामग्री की व्यवस्था की गई है। मौसम विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे अनावश्यक रूप से घर से बाहर न निकलें, बिजली के खंभों और पेड़ों से दूर रहें और मौसम संबंधी ताजा जानकारी पर नजर रखें।
बाढ़ और वज्रपात का बढ़ा खतरा
लगातार हो रही बारिश के कारण नर्मदा, ताप्ती और अन्य प्रमुख नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। कई जिलों में नदियां खतरे के निशान के करीब बह रही हैं, जिससे बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। मौसम विभाग ने विशेष रूप से ग्रामीण और नदी किनारे बसे इलाकों के लोगों को सतर्क रहने को कहा है। साथ ही, वज्रपात की घटनाओं की संभावना को देखते हुए किसानों और ग्रामीणों को खेतों में जाने से बचने की सलाह दी गई है।
पूरे सप्ताह मौसम रहेगा सक्रिय
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, प्रदेश में तीन ट्रफ लाइनें सक्रिय हैं और छत्तीसगढ़ सीमा पर कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। इसके चलते अगले कुछ दिनों तक प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में बारिश का सिलसिला जारी रहने की संभावना है। विभाग ने अनुमान जताया है कि 17 जुलाई तक प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश का दौर चलता रहेगा, जिससे राहत और बचाव कार्यों को भी चुनौती मिल सकती है।