Madhya Pradesh- हाईकोर्ट ने बॉलीवुड अभिनेता सैफ अली खान और उनके परिवार को उनके पुश्तैनी संपत्ति विवाद में बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने भोपाल रियासत के अंतिम नवाब मोहम्मद हमीदुल्लाह खान की अरबों रुपये की संपत्ति से जुड़े 25 साल पुराने ट्रायल कोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया है। अब इस संपत्ति के मालिकाना हक को लेकर मामला एक बार फिर से ट्रायल कोर्ट में नए सिरे से सुना जाएगा, जिसे एक साल के भीतर निपटाने के निर्देश दिए गए हैं।
15,000 करोड़ की शाही संपत्ति पर फिर छिड़ी कानूनी जंग
यह मामला भोपाल की लगभग 15,000 करोड़ रुपये की शाही संपत्तियों से जुड़ा है, जिनमें फ्लैग स्टाफ हाउस, नूर-उस-सबा पैलेस, दार-उस-सलाम, हबीबी का बंगला, अहमदाबाद पैलेस और कोहेफिजा की कई संपत्तियां शामिल हैं। कोर्ट के इस फैसले के बाद सैफ अली खान, उनकी मां शर्मिला टैगोर, बहन सोहा अली खान और परिवार के अन्य सदस्यों को एक बार फिर अदालत की प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा। संपत्ति विवाद में नवाब हमीदुल्लाह खान की अन्य संतानों और उनके वंशजों ने भी अपना दावा पेश किया है।
South Kolkata Law College- में छात्रा से गैंगरेप, दोस्त के बयान से जांच को नया मोड़?
ट्रायल कोर्ट का फैसला क्यों हुआ रद्द
हाईकोर्ट के जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने स्पष्ट किया कि ट्रायल कोर्ट ने 2000 में दिए गए अपने फैसले में सभी कानूनी पहलुओं पर विचार नहीं किया था। कोर्ट ने सिर्फ इलाहाबाद हाईकोर्ट के पुराने निर्णय को आधार मानकर फैसला दिया था, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने भोपाल सिंहासन उत्तराधिकार अधिनियम 1947 को विलय के बाद निरस्त कर दिया था। ऐसे में ट्रायल कोर्ट का फैसला कानूनी दृष्टि से अधूरा और त्रुटिपूर्ण माना गया। हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि अब संपत्ति के बंटवारे की सुनवाई मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत की जाए।

एनिमी प्रॉपर्टी एक्ट का भी जिक्र
इस मामले में ‘एनिमी प्रॉपर्टी एक्ट’ का भी उल्लेख किया गया है। इस अधिनियम के तहत, भारत-पाक विभाजन के बाद जो लोग पाकिस्तान या चीन चले गए, उनकी संपत्ति पर भारत सरकार का अधिकार हो जाता है। कोर्ट के अनुसार, सैफ अली खान की परदादी साजिदा बेगम को यह संपत्ति नवाब हमीदुल्लाह खान की पहली पत्नी की बेटी के रूप में मिली थी, लेकिन अन्य वारिसों ने इसके बंटवारे को चुनौती दी थी। अब इस अधिनियम के तहत भी संपत्ति के मालिकाना हक की जांच होगी।
Gold price today- सोना हुआ सस्ता ! जानिए 10 ग्राम सोने का अपके शहर में क्या है भाव?
परिवार और कानूनी विशेषज्ञों में हलचल
हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद पटौदी परिवार के साथ-साथ कानूनी विशेषज्ञों में भी हलचल है। वकीलों का कहना है कि अब ट्रायल कोर्ट में सभी पक्षों को अपना पक्ष रखने का पूरा मौका मिलेगा और संपत्ति के असली हकदार का फैसला नए सिरे से किया जाएगा। इस फैसले के बाद सरकार के पास भी इन संपत्तियों का नियंत्रण आ सकता है, जिससे पूरे मामले की संवेदनशीलता और बढ़ गई है। अब सभी की निगाहें ट्रायल कोर्ट की सुनवाई और आने वाले फैसले पर टिकी हैं।