यदि किसी महीने में खाते का बैलेंस उस जोन के निर्धारित न्यूनतम बैलेंस से नीचे चला जाता है, तो बैंक हर महीने नॉन-मेंटेनेंस चार्ज वसूल सकता है। सामान्यत: यह चार्ज महानगर और शहरी क्षेत्रों में दस से पंद्रह रुपये, अर्ध-शहरी क्षेत्रों में छह से बारह रुपये और ग्रामीण क्षेत्रों में पांच से दस रुपये तक हो सकता है। इसमें जीएसटी अलग से जुड़ जाता है, जिससे कुल कटौती और बढ़ जाती है।
सभी खातों पर लागू नहीं होता ये नियम
मिनिमम बैलेंस के नियम मुख्य रूप से साधारण सेविंग्स अकाउंट पर लागू होते हैं। हालांकि, सैलरी अकाउंट या बेसिक सेविंग्स बैंक डिपॉजिट अकाउंट में यह बाध्यता नहीं है। ऐसे खाते में कोई मिनिमम बैलेंस सीमा नहीं होती और इन खातों में सेविंग्स कम होने पर कोई चार्ज नहीं लिया जाता।
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अन्य बैंकों के नियमों से तुलना
अन्य सरकारी और निजी बैंकों में भी अपने-अपने तरीके के मिनिमम बैलेंस के नियम लागू हैं। कई प्राइवेट बैंकों में यह सीमा दस हजार रुपये तक जाती है, जबकि पंजाब नेशनल बैंक और अन्य बड़े सरकारी बैंकों में शहरी क्षेत्रों में दो हजार और ग्रामीण क्षेत्रों में एक हजार रुपये की सीमा तय की गई है। कटौती की राशि हर बैंक में अलग-अलग होती है।
ग्राहकों की जागरूकता जरूरी
कई ग्राहक जब खाते में पैसे कटने की शिकायत करते हैं, तो जांच में सामने आता है कि यह कटौती न्यूनतम राशि न रखने के कारण हुई। बैंक समय-समय पर ग्राहकों को एसएमएस और ईमेल के जरिए अलर्ट भेजता है ताकि वे अपने खाते में आवश्यक न्यूनतम राशि बनाए रखें। यह सजगता ग्राहक के लिए वित्तीय सुरक्षा का बड़ा आधार बनती है।
निष्क्रिय खाते और उनका असर
यदि लगातार कई महीनों तक खाते में कोई लेन-देन नहीं होता, तो बैंक खाता निष्क्रिय भी कर सकता है। ऐसे में ग्राहक को अपनी पहचान से संबंधित दस्तावेजों के साथ बैंक की शाखा में जाकर खाते को फिर से सक्रिय करवाना पड़ता है।
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बदलाव के संकेत और ग्राहकों के लिए सलाह
कुछ बैंकों ने हाल के वर्षों में प्रतिस्पर्धा और ग्राहकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए मिनिमम बैलेंस के नियमों में ढील दी है। समय-समय पर नियमों में बदलाव भी आ सकते हैं। इसलिए ग्राहकों को सलाह है कि वे बैंक की आधिकारिक सूचनाओं पर ध्यान दें और अकसर अपने खाते का बैलेंस चेक करते रहें। अगर किसी प्रकार की कटौती हो तो तत्काल अपनी ब्रांच या कस्टमर केयर से जानकारी प्राप्त करें।
बैंकिंग में सतर्कता और नियमों का पालन
खाते की वित्तीय सुरक्षा और अनावश्यक कटौतियों से बचाव के लिए खाताधारकों द्वारा बैंक के नियमों की जानकारी रखना जरूरी है। खाते में तय न्यूनतम राशि बनाए रखना छोटी सी आदत है, लेकिन यह बड़ा फायदा दे सकती है। इससे न सिर्फ अनावश्यक चार्ज से बचाव होगा, बल्कि बैंकिंग क्रेडिट स्कोर पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा।