वैश्विक बाजार में भी चांदी की मांग तेजी से बढ़ रही है। भू-राजनीतिक तनाव, अमेरिका और अन्य देशों के बीच व्यापार विवाद, और डॉलर की कमजोरी की वजह से निवेशक सुरक्षित धातुओं की ओर बढ़ रहे हैं। इन कारकों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चांदी के भावों को उच्च बनाया है।
रुपये की गिरावट से बढ़ी कीमतें
भारतीय रुपये में डॉलर के मुकाबले कमजोरी के कारण चांदी आयात महंगी हुई है। इससे देश में चांदी की कीमतों में खासा इजाफा देखने को मिला है, जो ₹1,18,000 प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है।
Akhilesh Yadav mosque meeting-समाजवादी पार्टी ने मस्जिद में किया मीटिंग,तस्वीरों को लेकर विवाद!
जुलाई माह में लगातार बढ़ोतरी
जुलाई 2024 में चांदी की कीमतों में निरंतर बढ़ोतरी हुई है। महीने की शुरुआत में कीमत ₹1,10,000 प्रति किलो थी, जिसके बाद तेजी जारी रही और आज ₹1,18,000 तक पहुंच गई है। इस बढ़ोतरी ने बाजार में नई उम्मीदें जगाई हैं।
अलग-अलग शहरों में कीमतों का अंतर
देश के प्रमुख शहर जैसे दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और बैंगलोर में चांदी का दाम ₹1,18,000 से ₹1,19,000 के बीच रहा। दक्षिण भारत के शहरों जैसे चेन्नई और हैदराबाद में कीमतें ₹1,29,000 प्रति किलो तक पहुंची।
इस साल चांदी का जबरदस्त प्रदर्शन
2024 के शुरुआती महीनों से लेकर अब तक चांदी के दामों में करीब 25% की बढ़ोतरी हुई है। जनवरी में कीमत लगभग ₹90,500 प्रति किलो थी, जो आज रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है।
Supreme Court guidelines on judges- वह आज भी जस्टिस हैं ,मर्यादा रखिये; क्यों भड़का सुप्रीम कोर्ट?
औद्योगिक मांग में इजाफा
सिर्फ आभूषण ही नहीं, बल्कि सौर ऊर्जा, इलेक्ट्रॉनिक्स और मेडिकल उपकरणों में चांदी की बढ़ती मांग ने भी कीमतों को प्रभावित किया है। निवेशक भी इसे सुरक्षित निवेश मानकर खरीद रहे हैं।
निवेशकों का बढ़ता विश्वास
आर्थिक अनिश्चितता के बीच निवेशक शेयरों से दूर होकर चांदी जैसे कीमती धातुओं में निवेश कर रहे हैं। ग्लोबल मेटल एक्सचेंज में भी चांदी की ट्रेडिंग बढ़ी है।