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Supreme Court guidelines on judges- वह आज भी जस्टिस हैं ,मर्यादा रखिये; क्यों भड़का सुप्रीम कोर्ट?

सुप्रीम कोर्ट में वकील मैथ्यूज नेदुमपारा द्वारा हाई कोर्ट के जज को केवल 'वर्मा' नाम से पुकारना विवाद का विषय बन गया। बेंच ने तुरंत सवाल उठाया, "क्या वह आपके दोस्त हैं? वह अब भी जस्टिस वर्मा हैं।" अदालत ने कहा कि न्यायिक परंपरा और गरिमा के तहत जजों को हमेशा ‘जस्टिस’ के संबोधन के साथ बुलाया जाना चाहिए। कोर्ट ने वकीलों को संवाद में अनुशासन और सम्मान बनाए रखने की अहम सलाह दी, ताकि न्यायिक प्रक्रिया और संस्थान की मर्यादा बनी रहे।

सुप्रीम कोर्ट में याची वकील मैथ्यूज नेदुमपारा की भाषा को लेकर एक अनोखा प्रसंग सामने आया। वकील ने हाई कोर्ट के एक जज को केवल ‘वर्मा’ नाम से संबोधित किया, जिस पर बेंच ने आपत्ति जताई। जजों ने कड़ी टिप्पणी करते हुए पूछा, “क्या वह आपके दोस्त हैं? वह अब भी जस्टिस वर्मा हैं।” कोर्ट ने स्पष्ट किया कि न्यायिक परंपराओं के तहत जज को ‘जस्टिस’ के संबोधन के साथ ही बुलाया जाना जरूरी है।

न्यायपालिका की गरिमा बरकरार रखने का संदेश

अदालत ने इस मौके पर चर्चा की कि देश की न्यायिक मर्यादा और गरिमा को बरकरार रखने के लिए वकीलों का भाषा और संबोधन में सावधानी बरतना चाहिए। कोर्ट का मानना है कि पेशे में अनुशासन और सम्मान से ही न्यायिक प्रक्रिया की विश्वसनीयता और संतुलन बना रहता है। यही कारण है कि जजों को नाम के साथ ‘जस्टिस’ लगाना ज़रूरी है।

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पेशेवर शिष्टाचार पर हुई फिर चर्चा

कोर्ट कक्ष में व्यवहार और संवाद की मर्यादा को लेकर यह कोई पहला मौका नहीं है। कई बार अदालतें वकीलों को सलीकेदार भाषा के लिए आगाह कर चुकी हैं। दिल्ली हाई कोर्ट जैसे कई मंचों ने स्पष्ट किया है कि पेशेवर शिष्टाचार ही न्यायिक प्रक्रिया की आत्मा है। वकीलों को भी हमेशा जजों के प्रति आदरभाव और निष्पक्ष भाषा का इस्तेमाल करना चाहिए।

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बार और बेंच में पारस्परिक सम्मान जरूरी

इस घटना के बाद कानूनी क्षेत्रों और सोशल मीडिया में भी बहस छिड़ गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि वकीलों और न्यायाधीशों के बीच आपसी सम्मान से ही न्यायिक संस्थान मजबूत होते हैं। पेशेवर आचार-संहिता का पालन न्यायिक प्रक्रिया की गरिमा को सुरक्षित करता है और न्याय में पारदर्शिता लाता है। अदालत बार-बार याद दिलाती रही है कि भाषा और व्यवहार में गरिमा हमेशा बनी रहनी चाहिए।

Tiwari Shivam

शिवम तिवारी को ब्लॉगिंग का चार वर्ष का अनुभव है कंटेंट राइटिंग के क्षेत्र में उन्होंने एक व्यापक समझ विकसित की है वे बहुराष्ट्रीय कम्पनियों व दुनिया के नामी स्टार्टप्स के लिये भी काम करते हैं वह गैजेट्स ,ऑटोमोबाइल, टेक्नोलॉजी, स्पेस रिसर्च ,इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी ,कॉर्पोरेट सेक्टर तथा अन्य विषयों के लेखन में व्यापक योग्यता और अनुभव रखते हैं|

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