Cambodia Thailand border clash latest news- दक्षिण-पूर्व एशिया के दो पड़ोसी देश — थाइलैंड और कंबोडिया — के बीच दशकों से चला आ रहा सीमा विवाद आज भी पूरी तरह शांत नहीं हुआ है। इंसानों की बसाहट से कहीं अधिक यह झगड़ा एक ऐतिहासिक मंदिर और सीमांकन की रेखाओं को लेकर है। यह संघर्ष क्षेत्रीय राजनीति, इतिहास और साम्राज्यवादी सीमाओं की उलझनों से जुड़ा है।
http://Sunroof Car Disadvantages- स्टाइल नहीं, सिरदर्द! सनरूफ वाली कारों के 4 बड़े नुकसान,
विवाद की शुरुआत कहाँ से हुई?
इस विवाद की जड़ें 11वीं सदी के प्रीह विहेयर मंदिर से जुड़ी हैं, जो खमेर साम्राज्य के दौर में बना था। 1907 में जब फ्रांस ने कंबोडिया पर उपनिवेशी शासन किया, उसने एक नक्शा तैयार किया जिसमें यह मंदिर कंबोडिया की सीमा में दिखाया गया। लेकिन थाइलैंड ने इस नक्शे को मानने से इंकार कर दिया।
1953 में कंबोडिया आज़ाद हुआ और कुछ सालों बाद थाई सैनिकों ने मंदिर क्षेत्र पर कब्ज़ा कर लिया। दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया और मामला अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) तक पहुंचा।
अंतर्राष्ट्रीय फैसला और नई जंग
1962 में ICJ ने फैसला दिया कि प्रीह विहेयर मंदिर कंबोडिया का हिस्सा है, लेकिन आसपास की ज़मीन पर स्थिति स्पष्ट नहीं की गई। यहीं से अस्पष्टता बनी रही।
2008 में जब यूनेस्को ने इस मंदिर को विश्व धरोहर स्थल का दर्जा दिया, तो थाइलैंड में विरोध भड़क उठा। सीमावर्ती इलाकों में दोनों देशों के सैनिक आमने-सामने आ गए और खूनी झड़पें शुरू हो गईं जिनमें दोनों ओर के जवानों की जान गई।http://200MP कैमरा और गेमिंग प्रोसेसर के साथ, Vivo फ़ोन हुआ लांच.
आज की स्थिति
हालांकि दोनों देशों की सरकारें शांति और बातचीत के जरिए हल खोजने की बात करती हैं, लेकिन सीमांकन की समस्या अभी भी पूरी तरह सुलझी नहीं है। कई बार संयुक्त पेट्रोलिंग और विशेष आर्थिक क्षेत्र बनाने जैसे प्रयास हुए, पर जमीनी स्तर पर अविश्वास कायम है।
वर्तमान में यह क्षेत्र अपेक्षाकृत शांत है, लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि यह विवाद कभी भी फिर से भड़क सकता है, खासकर तब जब राजनीतिक माहौल गर्म हो जाए।
